अंतर्राष्ट्रीय मूलनिवासी दिवस के उपलक्ष पर संगोष्ठी का हुआ आयोजन।
शहाबुद्दीन अहमद
बेतिया, बिहार।
स्थानीय नगर थाना क्षेत्र में अवस्थित,पंचशील बौद्ध विहार के तत्वाधान में एक जिला स्तरीय संगोष्ठी काआयोजन किया गया,इसके साथ ही बुद्धिस्ट सोसाइटी ऑफ इंडिया राष्ट्रीय मूलनिवासी संघ,यूनिटी ऑफ मूलनिवासी के सहयोग से इलमराम चौक स्थित,बौद्ध विहार में कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जिसकी अध्यक्षता,मिसाइल इंजीनियर,विजय कश्यप ने की इसके मुख्य वक्ताओं में, रामदास बैठा,कलाम जौहरी, आशा चौधरी,उषा बौद्ध रहे।
वक्ताओं ने इस अवसर पर अपने-अपने विचार रखते हुए समय मूल निवासियों की समस्याओं पर तथा देश की एकता और अखंडता के लिए देशभक्ति का राष्ट्रीय समस्याओं के प्रति तथा राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता के प्रति जागृत होने काआह्वान किया।
मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए रामदास बैठा ने तथागत भगवान बुद्ध के द्वारा इस देश के मूल निवासियों की समस्याओं को गिनाया, साथ ही उन्होंने कहा कि देश में 6743 जातियां जो इस देश के मूल निवासी हैं,उनको एक मंच पर आने का,तथा राष्ट्र के प्रति जागरूक होने काआह्वान भी किया। सामाजिक एवं प्रख्यात ज्योतिष,कलाम जोहरी ने एससी/एसटी/ओबीसी और अत्यंत पिछड़ी जाति को मूल निवासी के रूप में पहचान देते हुए एक साथ समाज और जमात की बात राष्ट्रहित में करने का आह्वान किया। महिला नेत्री,आशा चौधरी ने महिलाओं को विशेष रूप से जागरूक होने तथा राष्ट्र की समस्याओं के प्रति जानकार बनने हेतु शिक्षित होने का आह्वान किया। मार्गदर्शिका एवं पंचशील बौद्ध बिहार की संरक्षिका,उषा बौद्ध ने कर्मकांड से ऊपर उठकर सामाजिक सेवा और राष्ट्र के लिए समर्पित महापुरुषों जिनमें,ज्योति राव फूले,बेगम फातिमा, सावित्रीबाई फुले, एवं बाबासाहेब आंबेडकर को पढ़ने के प्रति समाज को आह्वान किया।अध्यक्षीय भाषण करते हुए,मिसाइल इंजीनियर,विजय कश्यप सह राष्ट्रीय संयोजक प्रबुद्ध भारती ने गोष्ठी को संबोधित करते हुए यह बताया कि 9 अगस्त को यूएनओ ने पहली बार अंतर्राष्ट्रीय मूल निवासी के समस्याओं पर चर्चा के लिए पूरी दुनिया को आमंत्रित किया,साथ ही हर देश के जो मूल निवासी है,उसको सम्मान तथा उसके संस्कृति को संरक्षण प्रदान करने तथा कोई भी दूसरे देश का नागरिक किसी दूसरे देश में वहां का शासनअध्यक्ष नहीं बन सकता, यह प्रस्ताव पास किया गया, जिसका परिणाम हुआ कि साउथ अफ्रीका में अंग्रेजों का जोशासन था,अंग्रेजों को 29 साल तक मूल निवासियों की आवाज में उठाने वाली,नेशनल मंडेला को जेल से बाहर निकाल कर उनको राष्ट्रपति के पद पर सम्मान एवं स्थान देना पड़ा।इस कार्यक्रम में, सम्मिलित होने वालों में विशेष रूप से,रामकिशोर बैठा इंस्पेक्टर,नेतराम,सकलदेव राम,ललिता देवी,योगेंद्र बैठा सुनील कुमार कुशवाहा की उपस्थिति सराहनीय रही।