मुन्फरिद शान के साथ निकला जुलूसे हुसैनी।
नायब शहर क़ाज़ी कानपुर ने हरी झंडी दिखाकर किया रवाना।
हफ़ीज अहमद खान
कानपुर नगर, उत्तर प्रदेश।
10 मोहर्रमुल हराम को हर साल की तरह इस साल भी अंजुमन हुसैनी बड़ा इमाम चौक ओमपुरवा चकेरी रोड़ कानपुर के जेरे एहतिमाम जुलूसे हुसैनी अपनी पूर्व परम्पराओं के साथ निहायत तुज्क एहतिशाम से उठाया गया जिसकी सरपरस्ती मौलाना अली शेर खां अजहरी ने की और जुलूस को नायब शहर क़ाज़ी कानपुर का़री मोहम्मद सगीर आलम हबीबी ने झंडी दिखाकर रवाना किया
मंकबते इमामे हुसैन, हक हुसैन, मौला हुसैन, नारे हैदरी या अली या अली दीन की पनाह हुसैन है मेरा बादशाह हुसैन है, हुसैनियत जिंदाबाद यजीदियत मुर्दाबाद आदि नारों की सदाओं में जुलूस अपने निर्धारित मार्ग 11 बजे दिन में बड़ा इमाम चौक ओमपुरवा से ताजिया अखाड़ा व निशान उठकर ओमपुरवा चुंगी होता हुआ ताड़ीखाना से मुड़कर हरियाणा दाल मिल से नई बस्ती और फिर वापस जगई पुरवा चौराहा से मुड़ कर सीधा चरारी से ताजिया लेते हुए सीधा लाल बंगला चौकी से होता हुआ केडीए चौराहे से होता हुआ जेके फर्स्ट होते हुए सीधा जाजमऊ नई चुंगी कब्रस्तान पहुंचकर कर्बला में समाप्त हुआ ।नायब शहर क़ाज़ी कानपुर कारी मोहम्मद सगीर आलम हबीबी ने इस अवसर कहा कि हज़रत इमाम हुसैन ने दुनियां में मानवता, सदभाव, प्रेम, भाईचारा, अहिंसा का संदेश दिया हम इसी संदेश को जन-जन फ़ैलाने के लिए निकले हैं हमें हर हर कदम पर इसका लिहाज़ रखना चाहिए इसके बाद मुल्क सूबे शहर में अमनों अमन कायम व खुशहाली तरक्की देने, गुनाहों की माफी, कुदरत के कहर से बचाने, मस्जिदों में जमात के साथ नमाज़ अदा करने!
जुलूस में मुख्य रूप से आयोजक मोहम्मद चांद अली अध्यक्ष हुसैनी कमेटी , कारी मोहम्मद जमील, हाफिज आमिर रज़ा , हाफिज मोहम्मद कलीम, मोहम्मद फसी अनवर, बबलू भाई, मोहम्मद कासिम, मोहम्मद शादाब, मोहम्मद आरिश, फरहान, बंटू भाई, गुड्डू भाई, हाफिज फैजान आदि लोग उपस्थित रहे।