एपीसीआर की कानूनी मदद से एक कैदी रिहा।
रफ़ी अहमद अंसारी
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।
एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स (एपीसीआर) और स्थानीय संगठन लीगल ब्रिज एसोसिएट्स ने गोरखपुर बछिया जेल से देवरिया निवासी एक कैदी की रिहाई कराई। अधिवक्ता मुहम्मद राफे ने बताया कि ये संगठन गरीब और असहाय लोगों को कानूनी मदद और मार्गदर्शन, गरीबों को कानूनी संरक्षण, अन्याय के शिकार लोगों को कानूनी बचाव और देश और समाज से अन्याय और उत्पीड़न को खत्म करने के लिए प्रयासरत है। एपीसीआर की राज्य समन्वयक मीना सोनी ने बताया कि जेल अधिकारी के अनुरोध पर एपीसीआर ने मामले को गंभीरता से लिया और कानूनी मदद देकर कैदी को रिहा कराया गया। उन्होंने कहा कि प्रदेश की विभिन्न जेलों में अभी और भी कैदी बंद हैं और उनमें से कई गरीब और बेसहारा कैदी भी जेल की समस्याओं से जूझ रहे हैं जो छोटे-मोटे अपराधों में सजा काट रहे हैं और कानूनी तौर पर अपना बचाव नहीं कर सकते। इन कैदियों की रिहाई के लिए कानूनी सहायता मुहैया कराने और उन्हें सामाजिक जीवन से जोड़ने की जरूरत है ताकि समाज में अपराध दर को कम किया जा सके। इस अवसर पर जेल के वरिष्ठ अधीक्षक डीके पाण्डेय ने एपीसीआर के कार्यों की सराहना की। उन्होंने बताया कि एपीसीआर समय-समय पर जेल में विभिन्न सामाजिक गतिविधियों का आयोजन करता है। जिला जेल के जेलर आलोक कुमार कुशवाह ने भी टीम को अपना पूरा सहयोग दिया।