कूटरचित दस्तावेज तैयार कर विदेश भेजने के नाम पर पैसा लेने वाले गिरोह का पर्दफाश, तीन आरोपी गिरफ्तार।
सेराज अहमद कुरैशी
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जनपद गोरखपुर के निर्देशन में व पुलिस अधीक्षक नगर गोरखपुर के मार्ग दर्शन में तथा क्षेत्राधिकारी कैण्ट के नेतृत्व में जनपद में अपराध व अपराधियों की गिरफ्तारी हेतु चलाए जा रहे अभियान के तहत प्र0नि0 थाना खोराबार व SOG टीम को लगाया गया । जिसके क्रम में थाना स्थानीय पर पंजीकृत 05 मुकदमों क्रमशः मु0अ0सं0 11/23,18/23,105/23,106/23,108/23 से सम्बंधित वांछित अभियुक्तगण 1. खुर्शीद अंसारी पुत्र गोबरल्ली अंसारी ग्रा0 देवकुआँ (लगडी) पोस्ट गौरी बाजार देवकुआँ देवरिया 2. जमील खान पुत्र अब्दुल निवासी गौरी बाजार थाना गौरीबाजार जिला देवरिया 3. दिनेश पासवान पुत्र बहेतू निवासी ग्राम गोवहा ताना देबुरुआ तह0 सोहरतगंढ सिद्धार्थनगर को गिरफ्तार किया गया । अग्रिम विधिक कार्यवाही की जा रही हैं ।
*घटना का संक्षिप्त विवरण-* अभियुक्तगण द्वारा फ्राड करने हेतु आधार कार्ड मे नाम पता व फोटो एडिट कर कूटरचना करते हुये बैंक में खाता खोलकर इस्तेमाल किया जाता है। अभियुक्तगण द्वारा स्काई ट्रवेल्स नाम की एजेन्सी रामनगर कड़जहा थाना खोराबार जनपद गोरखपुर में खोला गया था जिसके प्रचार प्रसार हेतु M1D एप्प के माध्यम से अलग अलग जिलों के लोगो को अपना असली नाम पता छुपाते हुये विदेश भेजने के नाम पर उनका पासपोर्ट लेकर अपने पास रख लेते थे तथा मेडिकल करवाकर आफर लेटर देते हुये टूरिस्ट बीजा तथा बोडिंग टिकट देते थे जैसे ही सभी लोगो(पीड़िता व्यक्तियो) के पैसे इनको कैस/एकांउड में मिल जाने के बाद पीड़ित व्यक्तियो को निर्धारित तिथि व समय पर सम्बन्धित एयर पोर्ट पर भेजते थे तथा फ्लाईट के निर्धारित समय से पूर्व ही टिकट को कैंसिल करके उसका भी पैसा अपने एकाउन्ट में ले लेते थे । फ्राड करने के पश्चात उपरोक्त अभियुक्तगण स्काई ट्रवेल एजेन्सी का सारा समान समेट कर मोबाईल न0 बन्द कर सबका पैसा व पासपोर्ट लेकर फरार हो गए थे । अभियुक्तगण पुनः एक नई आफिस स्टार ट्रेवेल एजेंसी के नाम से बिन रजिस्ट्रेशन के पिपराईच कुसुम्ही रोड पर रमवापुर में खोलकर लोगो का पासपोर्ट जमा कराकर रख लिए थे। उसी का आफर लेटर देने के लिए आए थे कि करजहाँ में पकड़े गए । अभियुक्तगण पुलिस से बचने के लिए अपनी चोरी की गाड़ी पर प्रेस लिखवाकर चलते थे जिससे की पुलिस न रोक सके । अभियुक्तगण का यह कार्य अन्तर्गत धारा 419,420,406,467,468,471,41,411,485 IPC का दंडनीय अपराध है जिन्हें कारण गिरफ्तारी व धारा से अवगत कराते हुए हिरासत पुलिस लेकर अग्रिम विधिक कार्यवाही की जा रही है।