ठंडजनित बीमारियों का प्रकोप बढ़ने से मरीजों की संख्या में हुई बढ़ोतरी।
शहाबुद्दीन अहमद
बेतिया,पश्चिमी चंपारण, बिहार।
विगत कई दिनों से पड़ रही भीषण ठंड के कारण विभिन्न प्रकार के बीमारियों का प्रकोप बढ़ गया है,जिसके कारण अस्पताल में मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। जिला अस्पताल से लेकर अनुमंडल अस्पतालों एवं पीएचसी में भी रोगियों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है,इसमें सबसे ज्यादा प्रभावित रोगियों में 50 वर्ष सेअधिक पुरुष व महिलाएं, हृदय रोगी,दमा रोगी,कैंसर रोगी, निमोनिया व लकवा ग्रस्त रोगी की संख्या अधिक है,इसके साथ ही बच्चों के भी संख्या कम नहीं है।
आंकड़ों पर गौर किया जाए तो बेतिया सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ओपीडी में 2667, बगहा अनुमंडलअस्पताल में 383,नरकटियागंजअनुमंडल अस्पताल में 253 तथा पीएचसी में 150 रोगियों का इलाज चल रहा है।यह संख्या और भी अधिक होने की संभावना बताई जा रही है। इन रोगियों में लगभग 70 से 75% रोगी ठंडजनित रोगों से ग्रसित हैं।इन रोगियों के सामने यह कठिनाई सामने आ रही है कि अस्पतालों में मुफ्त में दवाइयां नहीं मिल रही हैं,बलकि रोगी बाजार से दवाइयां खरीद कर अपना इलाज करा रहे हैं। जीएमसीएच बेतिया में कुल 17 प्रकार की दवाइयां एवं अनुमंडल अस्पतालों तथा पीएचसी में 32 प्रकार की दवाइयां ही मिल रही है,जबकि जिला अस्पताल में 76 और इमरजेंसी में 130 प्रकार की दवाइयां मुफ्त देनी है। जीएमसीएच बेतिया के अधीक्षक, डॉ प्रमोद तिवारी ने संवाददाता को बताया कि ठंडजनित रोगों के रोगियों के लिए पूरी तरह से तैयारी कर ली गई है। ओपीडी और इमरजेंसी में डॉक्टरों की तैनाती कर दी गई है।अस्पताल अधीक्षक का कहना है कि 80% दवाइयां उपलब्ध हैं,इस वर्ष इस अस्पताल में अधिकतर बुजुर्ग, बच्चों के रोगी ही आ रहे हैं, जिनको ठंडजनित रोगों का प्रभाव है,इनका उचित इलाज भी किया जा रहा है।बच्चों में खांसी, सर्दी,निमोनिया,सांस लेने की बीमारी,कोल्ड डायरिया केअधिक रोगी है,इसकेअलावा हॉटस्ट्रोक, ब्रेन स्ट्रोक,हार्ट पेशेंट की संख्या कम है,इन सभी रोगियों का उचित इलाज किया जा रहा है। सिविल सर्जन बेतिया,वीरेंद्र कुमार चौधरी ने भी संवाददाता को बताया कि दवाई की कमियां जल्द ही दूर कर दी जाएगी। रोगियों के उचित इलाज के लिए पूरी व्यवस्था कर दी गई है,साथ ही डॉक्टरों की भी तैनाती कर दी गई है,ताकि किसी प्रकार से रोगियों के इलाज में कमी नहीं हो सके।