ज्ञानेन्द्र शाही की टिप्पणी पर पूर्व राज्य मंत्री जाकिर हुसैन की कड़ी प्रतिक्रिया
काठमांडू, नेपाल
राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (राप्रपा) के प्रवक्ता और प्रतिनिधि सभा सदस्य ज्ञानेन्द्रबहादुर शाही द्वारा नेपाली मुस्लिम समुदाय के बारे में दिए गए विवादास्पद बयान के बाद, पूर्व राज्य मंत्री और संविधान सभा सदस्य मोहम्मद जाकिर हुसैन ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर उन बयानों को "काल्पनिक, निराधार और सांप्रदायिक" बताते हुए कड़ी आपत्ति जताई है।
हुसैन ने कहा है कि मुस्लिम आयोग की अपेक्षा ऐसे कूटनीतिक मामलों पर विदेश मंत्रालय द्वारा प्रतिक्रिया दी जानी चाहिए। हालांकि, हाल ही में कश्मीर की घटना में एक नेपाली नागरिक की मृत्यु और उसके बाद हो रहे विरोध प्रदर्शनों के सन्दर्भ में मुस्लिम आयोग द्वारा सार्वजनिक रूप से प्रतिक्रिया देना भी उपयुक्त रहेगा।
ज्ञानेन्द्र शाही के आरोपों का खंडन करते हुए हुसैन ने कहा कि मुस्लिम आयोग पर अरबों खर्च करने का दावा "झूठ, मिथ्या और दुर्भावनापूर्ण" है। उन्होंने कहा कि महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट को बिना देखे, एक सम्मानित प्रतिनिधि द्वारा अनुमान के आधार पर गलत बयान देना शोभनीय नहीं है।
हज समिति द्वारा मिलने वाली आर्थिक सहायता को लेकर उन्होंने स्पष्ट किया कि यह कोई भीख नहीं है, बल्कि नेपाली मुसलमानों का संवैधानिक और मौलिक अधिकार है।
हुसैन ने नेपाली मुस्लिम समुदाय के ऐतिहासिक योगदान को स्मरण कराते हुए कहा, “गोरखा राज्य के विस्तार से लेकर काठमांडू की अर्थव्यवस्था, कूटनीति, संस्कृति, कानून निर्माण और प्रशासन तक, मुस्लिम समुदाय की ऐतिहासिक भूमिका रही है।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि नेपाल एक बहुधार्मिक, बहुजातीय और बहुसांस्कृतिक राष्ट्र है और मुस्लिम समुदाय इस राष्ट्र का अभिन्न हिस्सा है, कोई बाहरी या आगंतुक नहीं।
ज्ञानेन्द्र शाही द्वारा दिए गए “नेपाल ९७% हिन्दू राष्ट्र है” वाले बयान की आलोचना करते हुए हुसैन ने कहा कि नेपाल एक धर्मनिरपेक्ष, बहुलवादी समाज है और संविधान में यही व्यवस्था की गई है। उन्होंने प्रश्न किया, “आप किसे उकसाना चाहते हैं, माननीय जी?”
कश्मीर की घटना पर सरकार द्वारा पहले ही अपनी स्थिति स्पष्ट किए जाने की बात करते हुए हुसैन ने कहा, “यदि यह हिंसा धर्म के नाम पर हुई है तो यह निश्चित रूप से घृणित और अमानवीय कृत्य है, और दोषियों को कानून के दायरे में लाकर दंडित किया जाना चाहिए।” उन्होंने यह भी दोहराया — “आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता, और नेपाली मुसलमान किसी भी आतंकवादी गतिविधि का समर्थन नहीं करता और न ही करेगा।”
अंत में, हुसैन ने सभी नेपाली नागरिकों से शांति, सद्भाव और एकता बनाए रखने का आह्वान करते हुए कहा, “यह नेपाल हम सबके खून से बना है — तोड़ने का नहीं, जोड़ने का काम करें।”