पूर्व नगर आयुक्त का करोड़ों के घोटाला में निगरानी विभाग की कार्रवाई तय।
शहाबुद्दीन अहमद
बेतिया, बिहार
नगर निगम बेतिया के कार्यालय में,पूर्व नगर आयुक्त शंभू कुमार के द्वारा किए गए करोड़ों का घोटाला उजागर होने के पश्चात निगरानी विभाग ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है,पूर्व के नगर आयुक्त के द्वारा नगर निगम क्षेत्र के विभिन्न मुख्य नालों की उड़ाही-सफाई के नाम पर मजदूरों की जगह चहेते वार्ड जमादारों,सिटी मैनेजर और सफाई प्रवेक्षक को नियम विरुद्ध लाखों के भुगतान के मामले मेंअब कार्रवाई तेज हो गई है।वार्ड 32 की नगर पार्षद जोहरा खातून के पुत्र आजाद हुसैन ने इस मद में लाखों के फर्जी भुगतान की शिकायत विभिन्न स्तर पर दर्ज कराई थी इसी के आधार पर निगरानी निभाग ने नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव को पत्र लिखकर नियम विरुद्ध कृत्य करने पर विधि सम्मत कार्रवाई का निर्देश दिया है।नगर निगम की महापौर,गरिमा देवी सिकारिया ने इसकी पुष्टि करने के साथ संवाददाता को बताया कि पूर्ववर्ती नगर आयुक्त,शंभू कुमार द्वारा विभिन्न मद में करोड़ों के घोटाला करने को लेकर उन परअब विभाग के साथ कानूनी शिकंजा भी कसने लगा है। उन्होंने कहा कि अनेकों प्रकार के भ्रष्टाचार में सहयोगी रहे लोगों के विरुद्ध भी उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर विधि सम्मत कार्रवाई तय मानी जा रही है।इसके साथ ही महापौर,सिकारिया ने बताया कि नगर निगम के लाखों के जनता जनार्दन के करोड़ों के विकास राशि की हकमारी कर रहे पूर्ववर्ती नगर आयुक्त,शंभू कुमार के राजनीतिक रूप से संरक्षक आकाओं के पाप का हिसाब समय आने पर जनता जनार्दन के द्वारा निश्चय ही किया जाएगा,सिकारिया ने आगे बताया कि निगरानी निभाग के स्तर से यह कार्रवाई होना इसकी शुरुआत का द्योतक है हाईकोर्ट और अन्य सक्षम प्राधिकारों के स्तर से भी नगर निगम में करीब ढाई साल तक चले "लूट उद्योग" के गुनहगारों के विरुद्ध कार्रवाई शुरू हो गई है,अब देखना यह होगा कि इस कार्रवाई में करोड़ों के घोटाला की राशि का सामंजन हो पता है या नहीं,या घोटाला किए गए पदाधिकारी को उनके चल और अचल संपत्ति से इसका समायोजन होगा या नहीं,यह आने वाले समय ही बताएगा। ऐसा देखने और सुनने को मिलता है कि करोड़ों करोड़ों के घोटाला करने वाले पदाधिकारी का जब स्थानांतरण हो जाता है तो उनके बचने का रास्ता भी मिल जाता है और उनके विरुद्ध जांच की कार्रवाई ठंडा बसता की शोभा बन जाती है।