हिंदी में ऐतिहासिक निर्णय के महायोद्धा न्यायमूर्ति डॉ. गौतम चौधरी को तीसरी आंख ने किया सम्मानित।
सलमान अहमद
प्रयागराज, उत्तर प्रदेश।
मातृभाषा हिंदी के प्रतिभावान माननीय न्यायमूर्ति डॉ. गौतम चौधरी,मा. उच्च न्यायालय इलाहाबाद को एक ऐतिहासिक मा. न्यायमूर्ति कहा जाना अतिश्योक्ति नहीं होगा,क्योंकि आज के भौतिकवादी और आर्थिक युग की अंधी दौड़ में तीसरी आंख मानव अधिकार संगठन के संज्ञान में मात्र एक ऐसे माननीय न्यायमूर्ति डॉक्टर गौतम चौधरी हैं जिन्होंने हिंदी भाषी क्षेत्र में अंग्रेजी भाषा से विरत व अनिभिज्ञ नागरिकों को जजमेंट एवं निर्णय को पढ़ने की सुलभता के उद्देश्य से देश मे एक अविस्मरणीय योगदान दिया है,उक्त बातें संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शैलेंद्र कुमार मिश्र ने कहीं।
उपरोक्त के क्रम में दिनांक 17 अक्टूबर 2024 को तीसरी आंख मानवाधिकार संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शैलेंद्र कुमार मिश्र की अध्यक्षता में संगठन के राष्ट्रीय संयोजक विनोद कुमार उपाध्याय वरिष्ठ अधिवक्ता, राज्य विधिक सलाहकार रविशंकर कन्नौजिया अधिवक्ता,गोरखनाथ मौर्या अधिवक्ता,संजय कुमार श्रीवास्तव, कुशीनगर जिला अध्यक्ष पवन कुमार गुप्ता, सक्रिय सदस्य अनिल कुमार गुप्ता,अभिषेक श्रीवास्तव का प्रतिनिधि मंडल मा. न्यायमूर्ति के पैतृक आवास इलाहाबाद पहुंच कर, मा. न्यायमूर्ति डॉ. गौतम चौधरी द्वारा दिनांक 6 सितम्बर 2024 तक मातृभाषा हिंदी में दिए गए 21280 जजमेंट व आर्डर
के अवसर पर मा.न्यायमूर्ति डॉ. गौतम चौधरी को अंग वस्त्र व पुष्प गुच्छ प्रदान कर सम्मानित किया गया।
सम्मानोपरांत संगठन के राष्ट्रीय संयोजक विनोद कुमार उपाध्याय वरिष्ठ अधिवक्ता माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने कहा कि माननीय न्यायमूर्ति डॉक्टर गौतम चौधरी मातृभाषा हिंदी के प्रतिभावान होने के साथ साथ सहज सुलभ मृदुभाषी व्यक्तित्व के धनी हैं।
संगठन के राज्य विधिक सलाहकार रवि शंकर कनौजिया और गोरखनाथ मौर्या अधिवक्ता माननीय उच्च न्यायालय ने कहा कि माननीय न्यायमूर्ति डॉ. गौतम चौधरी द्वारा देश मे निरन्तर हिंदी भाषा में एकांकी जजमेंट व निर्णय एक ऐतिहासिक व अविस्मरणीय योगदान के रूप में सदैव जीवन्त रहेगा।
संगठन के प्रतिनिधि मंडल में मौजूद संजय श्रीवास्तव व कुशीनगर जिला अध्यक्ष पवन कुमार गुप्ता ने संयुक्त रूप से कहा कि माननीय न्यायमूर्ति डॉ. गौतम चौधरी द्वारा हिंदी भाषी क्षेत्र के पश्चात और अंग्रेजी सभ्यता व भाषा से परे नागरिकों के लिए पठनीय न्यायिक निर्णय के उद्देश्य से हिंदी भाषा मे दिए जा रहे जजमेंट व आर्डर से धरातल पर हिंदी भाषी क्षेत्र के नागरिक काफी प्रभावी व प्रसन्नचित है और उनका न्यायिक क्षेत्र में आस्था मजबूत हो रहा है।