ग़रीबों पर सदका-ए-फित्र देना वाजिब नहीं - उलमा किराम
सैय्यद फरहान अहमद
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।
उलमा-ए-अहले सुन्नत द्वारा जारी रमज़ान हेल्पलाइन नंबरों पर सवाल-जवाब का सिलसिला जारी रहा। लोगों ने नमाज़, रोज़ा, जकात, फित्रा आदि के बारे में सवाल किए। उलमा किराम ने क़ुरआन व हदीस की रोशनी में जवाब दिया।
1. सवाल : क्या गरीबों पर भी सदका-ए-फित्र निकालना वाजिब है? (दानिश, मियां बाज़ार)
जवाब : नहीं। सदका-ए-फित्र सिर्फ मालिके निसाब पर वाजिब है ग़रीबों पर सदका-ए-फित्र देना वाजिब नहीं। हां अगर दे दें तो सवाब पाएंगे। (मुफ्ती अजहर)
2. सवाल : एडवांस रखी गई रकम पर ज़कात वाजिब है या नहीं? (सेराज, तकिया कवलदह)
जवाब : बाज़ मामलात में एडवांस रकम वापस नहीं होती ऐसी सूरत में उन पर ज़कात वाजिब नहीं, और बाज़ मामलात में रकम वापस हो जाती है ऐसी सूरत में उन पर ज़कात वाजिब है। (मुफ्ती मेराज)