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Wed, 18 Jun 2025 04:32 AM
धार्मिक / Mar 11, 2024

माह-ए-रमज़ान का हुआ आगाज़।

तरावीह की विशेष नमाज शुरु 

सैय्यद फरहान अहमद

गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।

सोमवार की शाम माह-ए- रमज़ान का चांद देखा गया। उलमा किराम ने माह-ए-रमज़ान के चांद देखने का ऐलान किया। जिसके साथ रमज़ान शरीफ का पहला अशरा 'रहमत' का शुरु हो गया। मंगलवार को पहला रोज़ा रखा जाएगा और एक महीने बाद खुशियों का त्योहार ईद परंपरा के अनुसार मनाया जाएगा। पहला रोज़ा करीब 13 घंटा 18 मिनट का होगा। जो माह-ए-रमज़ान का सबसे छोटा रोजा होगा। रमजान को लेकर लोगों में काफी उत्साह है।

चांद के ऐलान के साथ शहर की फिजा में रौनक छा गई। मुस्लिम समाज में हर ओर खुशियां फैल गईं। सभी ने एक-दूसरे को रमज़ान शरीफ की मुबारकबाद पेश की। सोशल मीडिया पर मुबारकबाद के मैसेज फैलने लगे। अकीदतमंदों ने सोशल मीडिया के फेसबुक व वाह्टसएप प्रोफाइल पिक्चर बदल कर रमज़ान शरीफ का वॉल पेपर लगाया। सभी अल्लाह तआला की इबादत में जुट गए। सभी ने अपने गुनाहों की माफी मांगी और अल्लाह की खास रहमत का अहसास किया।  

सोमवार को चांद के साथ ही तरावीह के नमाज़ की तैयारी शुरु हो गई। मस्जिदों में पुरुषों ने तरावीह की नमाज़ पढ़ी। घरों और मस्जिदों में कुरआन शरीफ़ की तिलावत शुरु हो गई। घरों में महिलाओं ने तरावीह की नमाज़ पढ़ी और अन्य इबादत की। नमाज़, तिलावत, तस्बीह व दुआ का सिलसिला चल पड़ा। जो लगातार एक माह तक जारी रहेगा। लोगों ने अल्लाह की हम्दो सना की और अल्लाह की इबादत में लग गए। 

तरावीह की नमाज खत्म होने के साथ ही लोग मंगलवार से शुरु होने वाले रोज़े की सहरी व इफ्तार की तैयारियों में जुट गए। चांद दिखने के बाद सहरी की तैयारी ने बाजारों की चांदनी बढ़ा दी। तुर्कमानपुर, जाफरा बाजार, नखास चौक, घंटाघर, इलाहीबाग और गोरखनाथ जैसे इलाकों मेें सहरी और इफ्तारी के सामानों के लिए पहले सी सजी दुकानों पर खासी भीड़ देखने को मिली। मोहल्ले के नुक्कड़ भी लोगों के उत्साह से लबरेज दिखे। कहीं सेवईयां खरीदी जा रही थीं तो कहीं खजूर। सेवईयाें व खजूर की क्वॉलिटी को लेकर लोग संजीदा दिखे। यह रौनक पूरे एक माह तक बरकरार रहेगी। 

मंगलवार से रमज़ान में सहरी व इफ्तार के दस्तख्वान पर सजे लजीज व्यंजन, शर्बत, फल, खजूर वगैरा रोजेदार का इस्तकबाल करते नज़र आएंगे।

यहां पढ़ी गई तरावीह की नमाज।

सोमवार को शहर व देहात की सभी मस्जिदों व कुछ मदरसों में तरावीह की 20 रकात नमाज़ अदा की गई। मदरसा दारूल उलूम हुसैनिया दीवान बाजार, मस्जिदे बेलाल (दरगाह हजरत कंकड़ शाह) निकट रेलवे म्यूजियम सिविल लाइन, दरगाह हज़रत मुबारक खां शहीद मस्जिद नार्मल, लाल जामा मस्जिद गोलघर, सब्जपोश हाउस मस्जिद जाफ़रा बाजार, चिश्तिया मस्जिद बक्शीपुर, नूरी मस्जिद तुर्कमानपुर, बेलाल मस्जिद इमामबाड़ा अलहदादपुर, मस्जिदे जामे नूर जफ़र कॉलोनी बहरामपुर, नूरानी मस्जिद तरंग क्रासिंग हुमायूंपुर, सुन्नी बहादुरिया जामा मस्जिद रहमतनगर, रज़ा मस्जिद जाफरा बाजार सहित जिले की सभी मस्जिदों में तरावीह की नमाज़ अदबो एहतराम के साथ अदा की गई। मदरसा दारुल उलूम हुसैनिया, दरगाह हज़रत मुबारक खां शहीद मस्जिद, हजरत कंकड़ शाह मस्जिदे बेलाल में नमाज़ियों की भीड़ उमड़ी। 

इन्होंने पढ़ाई तरावीह की नमाज।

हाफिज रहमत अली निज़ामी, हाफिज गुलाम जीलानी, हाफिज महमूद रज़ा कादरी, कारी शराफत हुसैन कादरी, कारी मोइनुद्दीन निज़ामी, हाफिज मो. अशरफ, हाफिज अयाज अहमद, हाफिज सद्दाम, हाफिज मो. मुजम्मिल रजा, कारी अंसारुल हक, हाफिज सद्दाम हुसैन निज़ामी आदि ने तरावीह की नमाज पढ़ाई। हाफिज-ए-कुरआन को तरावीह की नमाज़ में नमाजियों को पूरा कुरआन शरीफ़ सुनाना है। 

उलमा किराम ने कहा

बेलाल मस्जिद अलहदादपुर मस्जिद के इमाम कारी शराफत हुसैन क़ादरी ने बताया कि दीन-ए-इस्लाम के सबसे पाक माह रमज़ान की शुरुआत चांद के दीदार के साथ होती है। रमज़ान शरीफ का महीना दीन-ए-इस्लाम में खास अहमियत रखता है। इस माह में दीन-ए-इस्लाम के मानने वाले लोग पूरा महीना रोज़ा रखते हैं। अल्लाह की इबादत करते हैं। इस पाक महीने मे रोज़ा रखने वाले रोज़ादार सुबह सादिक से पहले तक सहरी करके रोज़ा की नीयत करके रोज़ा रखने की शुरूआत करते है। शाम को सूरज छिपने के बाद इफ्तार करते हैं। 

मदरसा रजा-ए-मुस्तफा के शिक्षक मौलाना मौलाना दानिश रज़ा अशरफी ने बताया कि दीन-ए-इस्लाम में बेहद खास है माह-ए-रमज़ान। हर बालिग मुसलमान मर्द व औरत जो अक्ल वाला व तंदुरुस्त हो उस पर माह-ए-रमज़ान का रोजा रखना फर्ज है। जो मुसलमान रोजा नहीं रखता है वह अल्लाह की रहमत से महरूम रहता है। रोजा न रखने पर वह शख़्स अल्लाह की नाफरमानी करता है। रोज़ा न रखना बहुत बड़ा गुनाह है। रोजा का इंकार करने वाला दीन-ए-इस्लाम से खारिज है। माह-ए-रमज़ान बहुत ही रहमत व बरकत वाला महीना है। अल्लाह के बंदे दिन में रोजा रखते है और रात में खास नमाज तरावीह पढ़ते है। इस माह में मुसलमान कसरत से जकात, सदका, फित्रा निकाल कर गरीब, यतीम, बेसहारा, बेवाओं की मदद करते हैं। रोजे की हालात मे किसी की बुराई करने व सुनने, बुरा देखने, बुरा करने से बचना चाहिए।

मकतब इस्लामियात के शिक्षक हाफिज सैफ अली ने बताया कि रमज़ान शरीफ में अल्लाह ने बंदों की रहनुमाई के लिए अपनी पाक किताब कुरआन शरीफ़ उतारी। इस महीने मे नफ्ल नमाज़ अदा करने पर अल्लाह फ़र्ज़ नमाज़ अदा करने के बराबर सवाब और फ़र्ज़ नमाज़ अदा करने पर सत्तर फ़र्ज़ नमाज़ों के बराबर सवाब अता करता है। इस माह कसरत से जकात, सदका व फित्रा निकालना चाहिए ताकि गरीब, यतीम बेसहारा सभी रमज़ान शरीफ़ व ईद की खुशियों में शामिल हों सकें। अगर किसी शख्स ने एक रोज़ेदार को इफ्तार कराया तो उस शख्स को भी उस रोज़ेदार के बराबर सवाब मिलेगा। भले ही उसने एक घूंट पानी से ही रोज़ेदार का रोजा खुलवाया हो। रोज़ेदार के लिए दरिया की मछलियां दुआएं करती हैं। रोज़ेदार के मुंह की बू अल्लाह को मुश्क से ज्यादा पसंद हैं। रोजादार जन्नत में एक खास दरवाजे से दाखिल होगा।

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सुन्नी 

पहला रोजा (12 मार्च 2024)

सहरी - 4:49 बजे सुबह

इफ्तार - 6:07 बजे शाम

दूसरा रोजा (13 मार्च 2024)

सहरी - 4:47 बजे सुबह

इफ्तार - 6:08 बजे शाम

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रमजान की तैयारी करीब पंद्रह दिन से चल रही है। रमज़ान में महिलाओं की जिम्मेदारी काफी बढ़ जाती है। इबादत के लिए भी समय निकालना रहता है। बड़ा परिवार है तो सब मिल बांटकर काम करेंगे। सहरी व इफ्तारी का ठोस सामान मंगवा लिया है जैसे चना, तेल, आटा, बेसन, चिप्स, शर्बत, मेवा, मसाला, खजूर सेवई आदि। बाकी रोजमर्रा का सामना फल, दूध, दही, सब्जी, मीट आदि हर रोज खरीदा जाएगा। पूरे घर के लिए रुटीन बदल दिया है। इबादत पर ज्यादा ध्यान देना है। घर की साफ-सफाई तकरीबन हो चुकी है। तस्बीह व दीन की किताबें निकाल ली है। खुद भी नेक बनना है और दूसरों को भी नेक बनने के लिए प्रेरित करना है। 

श्रीमती सफिया वारसी 

डी ब्लॉक सूरजकुण्ड कॉलोनी 

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सहरी व इफ्तार के सामानों की बिक्री में तेज आ गई है। खजूर, सूजी, बेसन, चना, मसाला, तेल, चिप्स, पापड़, मेवे, शर्बत आदि की अच्छी बिक्री हो रही है। मेरा दूध, दही, लस्सी, घी का भी कारोबार है। सहरी व इफ्तार के लिए दुग्ध पदार्थों आदि की अच्छी बिक्री होती है। तैयारी पूरी कर ली है। नखास, रेती चौक, गोरखनाथ, जाफरा बाजार, साहबगंज, लालडिग्गी जगहों पर भी खरीदार उमड़ रहे हैं। 

अली गजनफर शाह 

दुकानदार 

रहमतनगर 

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माह-ए-रमज़ान का इस्तकबाल करने को हम सभी कई दिनों से बेकरार थे। रमजान की तैयारी मुकम्मल हो गई है। सहरी व इफ्तारी का ज्यादातर सामान ले लिया है। पूरे दिन का टाइम टेबल बना लिया है। काम के साथ ही इबादत करनी है। नमाज, तिलावत व तस्बीह के लिए समय निर्धारित कर लिया है। खानपान पर भी खास ध्यान देना है। घर की साफ-सफाई हो गई। पूरा परिवार खुश है। रमजान की खुशी में सभी को शामिल करने के लिए जरूरतमंद लोगों के लिए भी राशन किट बांटने की तैयारी है। दुआ है कि इस मुबारक महीने में मुल्क में अमनो अमान व खुशहाली कायम रहे।

सैयद नदीम अहमद 

सूर्य विहार कॉलोनी

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माह-ए-रमजान जीवन को अनुशासन के साथ गुजारने के लिए हर साल आता है। करीब करीब सभी तैयारी कर ली है। इस बार भी पूरा रोजा रहना। जरूरतमंदों की मदद करनी है। काम के साथ ज्यादा से ज्यादा इबादत करनी है। सोने उठने का रूटीन बना लिया है। सहरी व इफ्तार के लिए खजूर, सूजी, बेसन, चना, शर्बत, मेवा, मसाला आदि खरीद लिया है। नमाज, रोजा के साथ कुरआन शरीफ की तिलावत के लिए भी समय सेट कर लिया है। खानपान पर काफी ध्यान दूंगा। वही चीज खाऊँगा जिससे शरीर को ताकत मिले। अपील है कि सभी लोग शांति, मोहब्बत व भाईचारगी के साथ अपनी-अपनी इबादत करें।

अब्दुल रहमान 

अलीनगर

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माह-ए-रमजान का सब आइटम दुकान पर मौजूद है। बिक्री भी अच्छी हो रही है। इस समय इफ्तार के समय बनाए जाने वाले पकवानों के आइटम चना, बेसन, मसाला, तेल, चिप्स, शर्बत, खजूर, दाल, आटा, चावल, मेवा, खजूर की बिक्री हो रही है। जैसे-जैसे रमजान के रोजे गुजरेंगे और तेजी देखने को मिलेगी।

मो. आसिफ 

दुकानदार 

लालडिग्गी

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Jr. Seraj Ahmad Quraishi
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