जीएमसी बेतिया में 20 घंटे तक बिजली नहीं रहने से प्रसूति विभाग में हलकान रहे जच्चा बच्चा।
शहाबुद्दीन अहमद
बेतिया, बिहार।
जीएमसीएच बेतिया की स्थिति इतनी दयनीय हो गई है कि रोगी और इसके परिजन विभिन्न प्रकार के कठिनाइयों के झेलने की मजबूरी बन गई है। इस अस्पताल के विभिन्न विभागों में जल जमाव,कीचड़ युक्त पानी,बिजली की लचर व्यवस्था,अनापूर्ति नित्य दिन का समस्या बन गया है। इसी क्रम में,लगभग 20 घंटे से बिजली नहीं रहने के कारण अस्पताल के प्रसूति विभाग में जच्चा बच्चा हलकान हो रहे हैं, कभी इमरजेंसी वार्ड,कभी ओपीडी,कभी प्रसूति विभाग, विभिन्न प्रकार के समस्याओं से ग्रस्त हैं। जिले में बेहतर इलाज के लिए बनाया गया मेडिकल कॉलेज,जिले वासियों को सुविधा देने के मामले में नकारा साबित हो रहा है। लापरवाही और कुव्यवस्था का आलम यह है कि पांच मंजिले की इस अस्पताल के तीसरे मंजिल पर प्रसूति विभाग का संचालन किया जाता है,वहां 20 घंटे तक बिजली गुल थी, इस वार्ड में ऑपरेशन के बच्चों को जन्म देने के बाद जच्चा बच्चा दोनों गर्मी और उमस से उबल रहे हैं,उनकी मजबूरी है कि वह ऑपरेशन के बाद 5-7 दिनों के पहले अस्पताल से जा नहीं सकते हैं,मजबूरी में अस्पताल में अपना दिन काट रहे हैं। सीएम नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट जीएमसीएच बेतिया यहां के अधिकारियों और अस्पताल में नियुक्त पदाधिकारी के लापरवाही की भेंट चढ़कर रह गया है। अस्पताल की विधि व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए अधीक्षक,डॉक्टर सुविधा भारती द्वारा दो-दो चिकित्सकों के प्रभारी उपाधीक्षक पद पर रखा गया है,अस्पताल प्रबंधन भी नियुक्त है,जनहित के दिशा में अस्पताल प्रबंधन के इस लाचार लापरवाही से यही अंदाजा लगाया जा सकता है कि जीएमसीएच के पदाधिकारी भी ई पी केयर के दौरान ही सक्रिय रहते हैं। इन सब के बावजूद अस्पताल की व्यवस्था बयां करने के लिए यह तस्वीर काफी हैं। अस्पताल प्रशासन एवं इसके प्रबंधन कंस्ट्रक्शन कंपनी पर इल्जाम लगाकर अपने जिम्मेवारी,कर्तव्य को भूल जाते हैं,इसकी देखरेख पूरे तौर पर नहीं हो पा रहा है,जिससे रोगियों और उनके परिजनों को आसानी से इलाज कराने में बहुत सारी दुश्वारियां पैदा हो रही हैं।