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Wed, 18 Jun 2025 10:39 AM

नेहरू युवा केंद्र दतिया द्वारा मिशन लाइफ के अन्तर्गत मिलेट मेले आयोजन सम्पन्न।

डॉ. रामजी शरण राय

दतिया, मध्यप्रदेश।

युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार के निर्देशन में नेहरू युवा केंद्र दतिया के तत्वाधान में एवं जिला युवा अधिकारी श्री कपिल सैन के मार्गदर्शन में *मिशन लाइफ के अंतर्गत मिलेट मेला-2023* का आयोजन शासकीय विधि महाविद्यालय के प्रांगण में आयोजित किया गया। 

मेले का शुभारंभ स्वामी विवेकानंद जी की प्रतिमा पर दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। जिसमे मुख्य रूप से जन अभियान परिषद के श्री मुनेन्द्र शेजवार जिला समन्वयक, श्रीमती ज्योति गोस्वामी ब्लॉक समन्वयक, मोतीलाल कुशवाहा खेल विभाग, महिला बाल विकास सुपरवाइजर साधना गुप्ता, मिलेट के मुख्य प्रशिक्षक व जिला सलाहकार समिति सदस्य (युवा कार्यक्रम) रामजीशरण राय, बृजेन्द्र कुमार एसआरबी न्यूज नेटवर्क उपस्थित रहे।

युवा मंडल सीतापुर के सांस्कृतिक दल द्वारा बुन्देली व्यंजनों पर आधारित गीत के माध्यम से मोटे अनाज को अपने भोजन में सम्मिलित करने का संदेश दिया। ताकि हमारा शरीर पोषकता से भरपूर रह सके।

मेले में डॉ. आरकेएस तोमर कृषि विज्ञान केन्द्र के सहयोग से मिलेट मेला में मोटे अनाज की प्रदर्शनी लगाकर उनमें व्याप्त पोषक तत्वों की जानकारी दी। प्रदर्शनी में बाजरा, कोदो, कुटकी, रागी, समां, कुट्टू, ज्वार, मक्का, चना, जौ, सत्तू आदि 15 मोटे अनाजों का प्रदर्शन मिलेट प्रशिक्षक रामजीशरण राय ने व्यापक जानकारी दी। मोटा अनाज की फसल खराब होने की स्थिति में भी पशुओं के चारे के काम आ सकती हैं। बाजरा और ज्वार जैसी फसलें बहुत कम मेहनत में तैयार हो जाती है। समाजसेवी रामप्रसाद कोली, अशोक कुमार शाक्य व देवेंद्र सिंह कुशवाह द्वारा महेरी, दलिया, भुने व तले चने आदि के उपयोग का परामर्श दिया गया। 

मिशन लाइफ के अन्तर्गत मिलेट मेला उद्देश्य मोटे अनाज के प्रयोग के प्रति ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता फैलाना है यह बात युवा मंडल सेंमई के अध्यक्ष बलवीर पाँचाल ने कही। स्वदेश संस्था के समन्वयक पीयूष राय ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष 2023 घोषित किया गया। मिलेट मेला के जरिए बाजरा से बने भोजन को बढ़ावा दिया जा रहा है। जिला समन्वयक मुनेन्द्र शेजवार ने मैदा से बने भोजन लोगों की पाचन शक्ति को कमजोर करते हैं। इससे बहुत नुकसान होता है। इसीलिए मक्का, बाजरा, जौ से बनी चीजों का सेवन करना चाहिए। 

ब्लॉक समन्वयक ज्योति गोस्वामी ने बताया कि बाजरा के उत्पादन और खपत को प्रोत्साहित करने के लिए,भारत सरकार ने अप्रैल, 2018 में बाजरा को पोषक-अनाज के रूप में अधिसूचित किया जिसमें पुनर्वा बाजरा, ज्वार, बाजरा 

रागी, सांवा या सनवा बाजरा, कोदो बाजरा,छोटी कंगनी/हरी कंगनी अनाज को शामिल किया गया।

जिला युवा अधिकारी कपिल सैन द्वारा जानकारी देते हुए बताया कि मोटा अनाज कम पानी और कम खर्चे में उगता मोटे अनाज की फसल को उगाने के फायदा यह है कि इसे ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती है। यह पानी की कमी होने पर खराब भी नहीं होती है और ज्यादा बारिश होने पर भी इसे ज्यादा नुकसान नहीं होता है। 

मोटे अनाज के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाई जा रही है, ताकि इसे अपनी डाइट में जोड़कर सेहत को बेहतर बनाया जा सके। गेहूं-चावल के मुकाबले मोटा अनाज उगाना और खाना दोनों ही ज्यादा सुविधाजनक है। इसके साथ ही मोटे अनाज वाली फसलों में रसायनिक उर्वरक और कीटनाशकों का प्रयोग करने की जरूत भी नहीं होती है। इसी के साथ ही इन फसलों के अवशेष पशुओं के चारे के काम आते हैं इसलिए इनको धान की पराली की तरह जलाना नहीं पड़ता।

महिला बाल विकास विभाग पर्यवेक्षक सुश्री साधना गुप्ता द्वारा बताया गया की ग्रामीणों को दैनिक जीवन में मोटे अनाज को शामिल करना चाहिए,ताकि उन्हें कुपोषण का सामना न करना पड़े।

कार्यक्रम का संचालन सुदीप तिवारी बाल प्रगति संस्था व आभार देवेंद्र बौद्ध नव सहभागी विकास संस्था द्वारा किया गया।

मिशन लाइफ के तहत मिलेट मेले में प्रीति शिवहरे, मोहनी परिहार, मुदित शाक्य, यशवर्धन राणा, कपिल गोस्वामी, रुचि गुप्ता, गायत्री जाटव, पलक पुरोहित, खुशी राजपूत, उपासना गुप्ता, निर्मला दिनकर, माया कुशवाहा, आयुष राय, शिवा राय, अतुल उपाध्याय, दिनेश सिंह पाल, बलवीर पाँचाल, अभय दाँगी सहित एमएसडब्ल्यू, बीएसडब्ल्यू के छात्र-छात्राओं, युवा मंडल पदाधिकारी व प्रस्फुटन समितियों के पदाधिकारियों की उपस्थिति रही। उक्त जानकारी जिला युवा अधिकारी नेहरू युवा केन्द्र कपिल सैन ने दी।

Jr. Seraj Ahmad Quraishi
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