नवनिर्मित संसद भवन का उद्घाटन,राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री के अधिकार क्षेत्र में?
शहाबुद्दीन अहमद
बेतिया,पश्चिमी चंपारण, बिहार।
नया संसद भवन बड़े ही आकर्षक विशाल,अत्याधुनिक तकनीक के साथ सभी जरूरीआवश्यकताओं से लैस होते हुए बनकर कर उद्घाटन के इंतजार में तैयार खड़ा है,पूर्व घोषणा के अनुसार 28 मई को इसका उद्घाटन होने वाला है, मगर उद्घाटन में पेंच फस गया है कि इसका उद्घाटन किसके अधिकार क्षेत्र में आता है,राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री,इस पर कई तरह के प्रश्न चिन्ह खड़ा हो गया है।
देश के सभी विपक्षी दलों के नेताओं का कहना है कि उद्घाटन करने काअधिकार राष्ट्रपति को ही है न कि प्रधानमंत्री का,क्योंकि राष्ट्रपति देश का प्रथम नागरिक होने के साथ साथ संविधान का रक्षक होता है,इसके अलावा संसद का सत्र का उद्घाटन भी राष्ट्रपति के दोनों सदनों के अभिभाषण के द्वारा ही होता है, उस समय राष्ट्रपति सरकार के द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों का उल्लेख करते हुएअगले वर्षों में होने वाले कार्यक्रमों एवं लाभान्वित योजनाओं को लागू करने का एक खाका पेश किया जाता है,जो सरकार के द्वारा उनको जानकारी दी गई रहती है, जिसे राष्ट्रपति के द्वारा ही स्वंय घोषित किया जाता है,तो फिर किसअधिकार क्षेत्र से प्रधानमंत्री इसका उद्घाटन करेंगे,प्रधानमंत्री तो केवल एक सांसद के रूप में संसद भवन में अपना प्रतिनिधित्व करते हैं,और पार्टी का सर्वोच्च नेता चुने जाने के बाद ही प्रधानमंत्री के पद को सुशोभित करते हैं,मगर राष्ट्रपति पूरे देश का रखवाला होता है,कानून बनाना, कानून पर अमल करवाना, राष्ट्रपति केअधिकार क्षेत्र में ही आता है,देश के सभी विपक्षी दल की मांग है कि नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति के द्वारा ही कराया जाए,जो नियम संगत भी है,अगर नए संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री के द्वारा किया जाएगा तो देश के सभी विपक्षी दल इसका विरोध के साथ ही बहिष्कार भी करेंगे,जिसकी घोषणा देश के सभी विपक्षी दलों के द्वारा पूर्व में भी की जा चुकी है, अब देखना यह होगा कि नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति करते हैं या प्रधानमंत्री?