दस्तारबंदी : 11 छात्रों का हाफिज-ए-कुरआन व मौलाना बनने का ख्वाब पूरा।
मदरसा दारुल उलूम हुसैनिया में जलसा।
सैय्यद फरहान अहमद
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।
मदरसा दारुल उलूम हुसैनिया दीवान बाजार में दस्तारबंदी का जलसा हुआ। ग्यारह छात्रों की दस्तारबंदी हुई। छात्रों का हाफिज-ए-कुरआन व मौलाना बनने का ख्वाब पूरा हो गया। मौलाना महमूद रजा कादरी व मौलाना अनस रज़ा के सिर पर आलमियत (मौलाना) की वहीं हाफिज मो. अमान, हाफिज मोहम्मद अबू तलहा, हाफिज मोहम्मद अली, हाफ़िज़ मोहम्मद हारून, हाफिज अब्दुल रज्जाक, हाफिज मोहम्मद अनस रजा, हाफिज मोहम्मद अरमान अली, हाफिज मोहम्मद इस्माईल चिश्ती, हाफिज अब्दुल वाहिद रजा के सिर पर हिफ़्ज (पूरा क़ुरआन-ए-पाक कंठस्थ) की दस्तार बांध सनद सौंपी गई। तमाम लोगों ने छात्रों को तोहफों व दुआओं से नवाजा। छात्रों का फूल मालाओं से स्वागत हुआ।
मुख्य अतिथि मुफ्ती अलाउद्दीन बरकाती व सैयद गुलाम गौस मियां ने कहा कि क़ुरआन-ए-पाक अल्लाह की अज़ीम मुकद्दस किताब और हिदायत का खज़ाना है। क़ुरआन-ए-पाक इसलिए भेजा गया कि हम उसे पढ़ें, समझें और उसके मुताबिक़ अमल करें। रमज़ानुल मुबारक की सबसे अज़ीम नेमत क़ुरआन-ए-पाक है। कुरआन-ए-पाक चमकता हुआ आफताब है। क़ुरआन-ए-पाक करीब 23 साल की मुद्दत में नाज़िल हुआ। क़ुरआन-ए-पाक में 30 पारे, 114 सूरतें और 540 रुकूअ हैं। क़ुरआन-ए-पाक की कुल आयत की तादाद 6666 है। इसकी एक-एक आयत में हिकमत के ख़ज़ाने पोशीदा हैं। क़ुरआन-ए-पाक तारीख़ इंसानी में वह वाहिद किताब है जिसने इंसान को दावत दी है कि वह ग़ौरो फ़िक्र से काम लेकर समझने की कोशिश करे। अपने इर्द-गिर्द फैली हुई कायनात पर नज़र डाले और मुआयना करे। जलसे में नात व मनकबत पेश की गई। अंत में दुआ मांगी गई। इस मौके पर मदरसे के प्रबंधक, अध्यापक, छात्र, छात्रों के परिजन व आम लोग मौजूद रहे। यह जानकारी मदरसा के मीडिया प्रभारी मोहम्मद आजम ने दी है।
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तिवारीपुर में महिलाओं व पुरूषों का जलसा आज
गोरखपुर। तिवारीपुर स्थित मस्जिद खादिम हुसैन के बगल में रविवार 5 मार्च को सुबह 9 से दोपहर 1 बजे तक मुस्लिम महिलाओं का जलसा 'बज्मे ख़्वातीने इस्लाम' नाम से होगा। जिसमें मऊ व गोरखपुर की महिला धर्मगुरू मुस्लिम महिलाओं को दीनी मामलात के प्रति जागरूक करेंगी। पर्दे का पूरा इंतजाम रहेगा। यह जानकारी मस्जिद के इमाम व जलसा संयोजक कारी मोहम्मद अफजल बरकाती ने दी है। उन्होंने आगे बताया कि रात 8:30 बजे से पुरूषों का जलसा होगा। जिसमें घोसी (मऊ) के धर्मगुरु मुफ़्ती शमशाद अहमद मिस्बाही की संबोधन होगा। शहर के तमाम उलमा किराम भी शिरकत करेंगे। उन्होंने लोगों से अपील की है कि जलसे में हिस्सा लेकर जलसे को कामयाब बनाएं।