जीएमसीएच बेतिया में रोगियों के स्वजन के ठहरने का कोई इंतजाम नहीं,प्रशासन मूकदर्शक।
ब्यूरो चीफ़ शहाबुद्दीन अहमद
बेतिया, बिहार।
स्थानीय नगर थाना क्षेत्र में अवस्थित,बेतिया सरकारी मेडिकल कॉलेजअस्पताल में,सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों एवन दूरदराज से आए हुए रोगियों के परिजनों को ठहरने,रात्रि विश्राम के लिए कोई जगह नहीं है। इस सरकारी अस्पताल में लगभग 498 बेड लगे हुए हैं,जिसमें महज 356 रोगी ही प्रतिदिन रहते हैं, मगर रोगी के परिजनों को रहने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। प्रतिदिन 1135 परिजन अस्पताल में पहुंचते हैं, अभी मरीज वाट के वेटिंग हॉल में ही उन्हें रहना पड़ता है बहुत से फर्श पर चादर बिछा कर सोते हैं कई प्राइवेट मकानिया लॉज में रहते हैं इसके लिए प्रति जिन्होंने चार सौ से लेकर ₹800 किराए का भुगतान करना पड़ता है। अस्पताल के आसपास बेचन आवासीय प्रबंध नहीं है अस्पताल अधीक्षक को डॉक्टर प्रमोद कुमार तिवारी ने संवाददाता को बताया कि मरीज के 100 दिन के लिए बिल्डिंग बनाने की कवायद और चल रही है,आवासन के लिए बेड और प्रतीक्षाकक्ष का इंतजाम अस्पताल परिसर में पूर्व से बने फैब्रिकेटेड भवन में किया जा रहा है। सुदूर गांव एवं दूर-दराज से आए हुए रोगियों के परिजनों ने संवाददाता को बताया कि यहां ठहरने और रात्रि विश्राम के लिए कोई उचित प्रबंध नहीं है जबकि सरकार को इसका ध्यान रखना चाहिए,इसके लिए भवन बनना आवश्यक है।