रक्षाबंधन (भाई -बहन का त्योहार)
आदित्य कुमार पांडेय
रक्षाबंधन का त्योहार श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है । यह भाई-बहन के प्रेम का पावन पर्व है। इस दिन बहन अपने भाई की कलाई में रक्षा सूत्र बांधकर उसकी लंबी उम्र की प्रार्थना करती है ।यह त्योहार भाई-बहन के अटूट प्रेम और विश्वास को दर्शाता है ।यह हिंदुओं का महत्वपूर्ण पर्व है जो भारत के कई हिस्सों में मनाया जाता है। इस त्योहार का आध्यात्मिक महत्व के साथ-साथ ऐतिहासिक महत्व भी है। रक्षाबंधन के त्योहार पर हर बहन को यह संकल्प करना चाहिए वह अपने भाई को यह सीख दे कि वह हर नारी की इज्जत करें तभी समाज ऐसे गंदे अपराधों से दूर हो सकेगा। लेनदेन का व्यवहार खत्म करना चाहिए। हर बहन अपने भाई से नारी की इज्जत करने की शपथ लेती है तो पूरा देश सुधर जाएगा और अपराध पूरी तरह से खत्म हो जाएगा ।सही मायने में यह त्योहार महिलाओं के प्रति रक्षा की भावना को बढ़ाने के लिए बनाया गया है। समाज में महिलाओं की स्थिति बहुत गंभीर है क्योंकि त्योहार अपने मूल सिद्धांतों से दूर होता नजर आ रहा है आवश्यक है कि इस त्योहार को सही मायने को समझें एवं आसपास के सभी लोगों को समझाने का प्रयास करें। अपने बच्चों को लेनदेन से हटकर त्योहार की परंपरा समझाएं तब ही आगे जाकर यह त्योहार अपने ऐतिहासिक मूल को प्राप्त कर पाएगा प्रेम और सौहार्द का यह त्योहार राखी के पवित्र बंधन को और मजबूत कर पायेगा।