जमात ए इस्लामी हिंद के बैनर तले शहर के कई स्थानों पर फॉलोअप प्रोग्राम का किया गया आयोजन।
ब्यूरो चीफ़ शहाबुद्दीनअहमद
बेतिया, बिहार।
स्थानीय नगर थाना क्षेत्र में अवस्थित,मिर्जा टोला मस्जिद में, जमाते इस्लामी हिंद के 75 वर्ष के कारगुजारीऔर रुजूउलकुरान का फॉलोअप प्रोग्राम का आयोजन किया गया,जिसमे भारी संख्या में पुरुष और महिलाएं उपस्थित रहीं,जिसकीअध्यक्षताजानेआलम ने की।कार्यक्रम का प्रारंभ,डॉक्टर अब्दुल करीम के तिलावते कुरान से की,इसके बाद सेवानिवृत्त प्रधान शिक्षक,मोहम्मदअली ने जमाते ईइस्लामी हिंद की 75 सालों की कारगुजारी,परिचय, कामयाबी को बड़ेअच्छेअंदाज में पेश किया।इसके बाद एसआईओ के नवयुवक सदस्य,फरहान अख़्तर ने एसआईओ,जीआईओ की विशेष जानकारी दी। इस बैठक में एक हिंदू समाज के विद्वान,बब्बन राम ने इस्लाम धर्म और मुस्लिम समाज के बारे में एक अपना अनुभव,इस्लाम और मुस्लिम समाज के बारे में बताया,जिसको सुनकर उपस्थित लोगों ने दांतो तले उंगलियां दबाने लगे,इनके इस बातों को सुनकर मुस्लिम समुदाय को इससे नसीहत लेनी चाहिए,उन्होंने इस्लाम धर्म,कुरान की भरपूर प्रशंसा करते हुए कहा कि यह एक सच्चे धर्म का आसमानी किताब है,और इसके बताए हुए रास्ते पर चलकर ही दूसरे समुदाय के लोगों को भी इसके बारे में जानकारी देते हुए इनको शिक्षित करके सही मार्ग पर चलने के लिए रास्ता बताना चाहिए,ताकि दूसरे समुदाय के लोग भी इसकी सच्चाई को जानकर,अपनी गलतियों को सुधारने का रास्ता ढूंढ लें। इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए फहीम हैदर नदवी ने कहा के कुरान एकआसमानी किताब है। मुस्लिम समुदाय के लोगों को कुरान को प्रतिदिन पढ़ने,समझने,और इसको अपनी जिंदगी में उतारने की जरूरत है।इसके अर्थ को समझ कर पढ़ना चाहिए,साथ ही इस के बताए हुए रास्ते पर अमल करके अपने जीवन में सुधार लाकर एक अच्छा इंसान बनने की प्रयास करना चाहिए। इस कार्यक्रम के अंत में,जमात ए इस्लामी हिंद बेतिया शाखा के अमीरे जमायत मौलाना हसन माविया नदवी ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि इस्लाम मजहब,कुरान,और जमात ए इस्लामी हिंद के बारे में उन्होंने पूरे तौर पर लोगों को समझाया और यह कहा कि कुरान पढ़ना,सुनना, सीखना,तिलावत करना,इसकी तालीम हासिल करना हर बालिक मर्द और औरत पर फर्ज किया गया है,कुरआन के बताए हुए रास्ते पर चलकर,अमल करके ही हम अपने जीवन को हर स्तर से खुशहाल बना सकते हैं। इस पवित्र किताब को घरों के अंदर पैक करके,ऊंचे जगहों पर रखकर भूलना नहीं चाहिए,बलकि प्रतिदिन घर के सभी लोगों को इस की तिलावत,इसके अर्थ को समझ बूझ कर पढ़ना चाहिए, साथ ही नई नस्ल,नवयुवक, युवतियों को पढ़ना चाहिए।
इस तरह का कार्यक्रम 12 फरवरी को हाफिज शमीम के पैराडाइज स्कूल में,17 फरवरी को प्रोफेसर मोहसिनआलम के कोचिंग सेंटर पर भी इसका आयोजन किया गया। इस प्रोग्राम का समापन,इमाममे मस्जिद, मिर्जाटोला के दुआ के साथ हुई, इस कार्यक्रम में संगठन के सभी 50 पुरुष 50महिला सदस्य उपस्थित रहे।