तीन दिनों से ठप पड़े बिजली को लेकर किसानों ने मोमबत्ती जलाकर किया विरोध प्रदर्शन।
*कामता, बेलवाही, कुजरी गांव को चंदवा फीडर से हटाकर नगर फीडर में जोड़ देने और बिजली आपूर्ति बाधित रहने से रोष में हैं किसान।
*विद्युत आपूर्ति नहीं होने से किसान ढिबरी लालटेन युग में लौट हो गए हैं, शाम होते ही गांवों में अंधेरा छा जा रहा है।
*ग्रामीण क्षेत्र तीन दिन से ब्लैक आउट मोड में चला गया है।
भारत समाचार एजेंसी
चंदवा, लातेहार, झारखंड।
चंदवा प्रखंड में तीन दिनों से बिजली आपूर्ति बाधित रहने तथा एक माह पूर्व कामता, बेलवाही, कुजरी गांव को चंदवा फीडर से हटाकर नगर फीडर में जोड़ देने के खिलाफ कामता में ट्रांसफार्मर के पास दिन में किसानों ने मोमबत्ती जलाकर विरोध प्रदर्शन करते रोष प्रकट किया साथ ही सरकार व प्रशासन को जगाने का प्रयास किया है।
किसान नेता सह पंचायत समिति सदस्य अयुब खान ने कहा कि पिछले करीब तीन चार दिनों से बिजली आपूर्ति पुरी तरह से ठप है, विद्युत आपूर्ति नहीं होने से किसान ढिबरी लालटेन युग में लौट हो गए हैं, शाम होते ही गांवों में अंधेरा छा जा रहा है, मुम्बती ढिबरी के सहारे किसानों की जिवन बित रही है, बारिश के मौशम में जहरीला जीव जंतु सांप बिच्छू ज्यादा निकलते हैं बारिश से बचने के लिए घर आंगन प्रवेश कर जाते हैं, अंधेरा होने के कारण सांप बिच्छू दिखाई नहीं पड़ता है जिससे लोगों को डंसने का खतरा बना हुआ है।
साथ ही बिजली नहीं रहने के कारण बचे रात मे पढाई नहीं कर पा रहे हैं इस कारण उनका पढाई बाधित हो गया है,ग्रा। मीण क्षेत्र तीन दिन से पुरी तरह ब्लैक आउट मोड में चला गया है। इसके कारण किसानों में बिजली विभाग के प्रति काफी रोष है। इलेक्ट्रॉनिक से जुड़े कई प्रकार के दुकानदार एवं व्यवसायिक के कार्यों में भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है उनकी आर्थिक स्थिति दिनों दिन कमजोर हो रही है परिवारों के भरण पोषण में कठिनाइयां का सामना करना पड़ रहा है।खासकर बारिश के मौसम में बिजली की आपूर्ति किसानों के लिए अति आवश्यक है, ताकि किसान सुरक्षित रह सकें और सभी अपनी आजीविका चला सकें।
किसानों ने उपायुक्त से तत्काल बिजली समस्या दुर करने की मांग किया है।
जल्द बिजली आपूर्ति शुरू नहीं कि गया और कामता, बेलवाही, कुजरी गांव को चंदवा फीडर से जोड़ा नहीं गया तो किसान इसी तरह धरना प्रदर्शन करते रहेंगे जिसकी जिम्मेदारी विद्युत विभाग की होगी।
धरना प्रदर्शन में शामिल होने वाले किसानों में किसान नेता सह पंचायत समिति सदस्य अयुब खान, नजमुद्दीन खान, मोफीद खान, पिंटु खान, वाहीद खान, जहांगीर खान, एजाज खान, टिंकु खान, शाबा खान, सफीद खान, बशीर खान, याकूब मियां, अमजद खान, फरदीन खान, रिजवान खान, नुर मोहम्मद खान, शमीम खान, बीतन खान, वारिश खान, शहजान खान समेत कई किसान शामिल थे।