Tranding
Wed, 18 Jun 2025 08:31 AM

आत्मा–पुनर्जन्म, स्वर्ग–नरक शोषण का औजार:अर्जक संघ

ब्रह्मदेव प्रसाद की मृत्युपरांत अर्जक पद्धति से हुआ शोकसभा 

गया, बिहार

आत्मा–पुनर्जन्म, स्वर्ग नरक,बैतरणी आदि काल्पनिक और शोषण का औजार है। किसी की मृत्युपरांत स्वर्ग का लोभ और नरक का डर बताकर दान दक्षिणा के नाम पर शोषण होता रहा है जो मानववाद के विरुद्ध है।वैज्ञानिक सोच के आधार पर संस्कार करने की जरूरत है।

उक्त बातें आज जाने माने समाजसेवी ब्रह्मदेव प्रसाद की मृत्युपरांत दाखिनगांव (वजीरगंज) में अर्जक पद्धति से आयोजित शोकसभा में वक्ताओं ने व्यक्त किया।

वक्ताओं ने ब्रह्मदेव प्रसाद की जीवन और कार्यकलापों की चर्चा करते हुए कहा कि वे और उनका परिवार पूरी तरह अर्जक संघ के विचारधारा से ओतप्रोत थे।

सांस्कृतिक समिति के पूर्व अध्यक्ष उपेंद्र पथिक की अध्यक्षता में आयोजित शोकसभा को संघ के जिलाध्यक्ष प्रहलाद राय, जिला मंत्री विनोद विरोधी, डॉ नंदकिशोर प्रसाद, सदन वर्मा, ईश्वर दयाल मौर्य, चंद्र भूषण प्रसाद,मुंगेश्वर यादव, शंकर पासवान, ओमप्रकाश वर्मा, प्रो गणेश विद्यार्थी, जितेंद्र प्रसाद, अविनाश कुमार, बच्चू शर्मा, पत्रकार रविभूषण यादव, अनुज वर्मा, धर्मेंद्र कुमार,राजकुमार प्रसाद, नागमणि प्रसाद, आदि अर्जकों ने भी संबोधित करते हुए कहा कि किसी की मृत्युपरांत भोज और दान दक्षिणा आदि समाजविरोधी कार्य है। अर्जक संघ के विचारधारा के कारण कम खर्च, कम समय कम परेशानी में वैज्ञानिक सोच के आधार पर शोकसभा का प्रचलन बढ़ा है।

स्मरणीय है कि ब्रह्मदेव प्रसाद के देहावसान के उपरांत इनके घर में किसी प्रकार का वैदिक संस्कार नहीं हुआ।

Karunakar Ram Tripathi
43

Leave a comment

logo

Follow Us:

Flickr Photos

© Copyright All rights reserved by Bebaak Sahafi 2025. SiteMap