सत्य के लिए लड़ते हुए शहीद हुए इमाम हुसैन - नायब काजी मुफ्ती अजहर
सैय्यद फरहान अहमद
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।
मकतब इस्लामियात चिंगी शहीद इमाम चौक तुर्कमानपुर में दस दिवसीय महफिल ‘जिक्रे शुहदाए कर्बला’ के पहले दिन नायब काजी मुफ्ती मुहम्मद अजहर शम्सी ने कहा कि जालिम यजीद के अत्याचार बढ़ने लगे तो उसने पैगंबरे इस्लाम हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के नवासे हजरत सैयदना इमाम हुसैन से अपने कुशासन के लिए समर्थन मांगा और जब हजरत इमाम हुसैन ने इससे इंकार कर दिया तो उसने इमाम हुसैन को कत्ल करने का फरमान जारी कर दिया। कर्बला के तपते रेगिस्तान में तीन दिन के भूखे प्यासे हजरत इमाम हुसैन व उनके जांनिसारों को शहीद कर दिया गया। अहले बैत पर बहुत जुल्म किए गए। अंत में दरूदो सलाम पढ़कर मुल्क में अमन व अमान, तरक्की व भाईचारे की दुआ मांगी गई। इसके अलावा अन्य मस्जिदों में भी जिक्रे शुहदाए कर्बला महफिल हुई।