पीएम श्री विद्यालय योजना से उर्दू मध्य विद्यालयों के अस्तित्व पर खतरा
मोहम्मद रफी ने मुख्यमंत्री व आलाधिकारियों से उर्दू मध्य विद्यालयों को संविलियन मुक्त रखते हुए उसे अपग्रेड करने की लगाई गुहार
रिपोर्ट- मोहम्मद आसिफ अता
पटना/हाजीपुर(वैशाली) बिहार
पीएम श्री विद्यालय योजना के अंतर्गत उर्दू मध्य विद्यालयों को संविलियन से मुक्त रखते हुए उन्हें उच्च एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में उत्क्रमित करने के संबंध में कौमी असातिजह तंजीम बिहार ने माननीय मुख्यमंत्री बिहार श्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा है। यह बातें कौमी असातिजह तंजीम बिहार के प्रदेश संयोजक मोहम्मद रफी ने पत्र लिखने के बाद प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से मीडिया को बताया। इस की प्रतिलिपि अपर मुख्य सचिव शिक्षा विभाग बिहार एवं निदेशक माध्यमिक शिक्षा बिहार को भी दी गई है। मोहम्मद रफी ने बताया कि 836 उच्च एवं उच्चतर विद्यालयों को पीएम श्री विद्यालय योजना से आच्छादित करने का आदेश शिक्षा विभाग बिहार, पटना से 17 फरवरी 2025 को जारी हुआ है।जिसका पत्रांक संख्या 830 है। उन्होंने ने यह भी कहा है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के कार्यान्वयन में पीएम श्री विद्यालय योजना के तहत आगामी सत्र 2025-26 से प्रथम फेज में वर्ग VI से VIII तक की पढ़ाई चिन्हित 836 माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में होनी है। चयनित विद्यालयों के प्रांगण के अन्दर एवं सबसे नजदीकी मध्य विद्यालयों का संविलियन इसके अन्तर्गत किया जाना है। इस क्रम में में मोहम्मद रफी ने आशंका व्यक्त करते हुए कहा कि इस आदेश से उर्दू मध्य विद्यालयों के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है। उन्होंने पत्र के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री जी का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा है कि हिन्दी एवं उर्दू विद्यालयों के संचालन का माध्यम अलग है। उर्दू विद्यालयों में शिक्षा का माध्यम उर्दू है एवं सभी अभिलेखों का संधारण भी उर्दू माध्यम में होता है। इसलिए इनका संविलियन गैर उर्दू विद्यालय में करना अनुचित होगा। ज्ञातव्य हो कि सरकार भी उर्दू भाषा के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। इसलिए उन्होंने आग्रह किया है कि उपरोक्त परिप्रेक्ष्य में उर्दू मध्य विद्यालयों का संविलियन अन्यत्र विद्यालयों में न कर उर्दू मध्य विद्यालयों को अपग्रेड (उत्क्रमित) करने की कृपा करें। मोहम्मद रफी ने याद दिलाया है कि इस पूर्व भी एक बार भवनहीन एवं भूमिहीन विद्यालयों का संविलियन हुआ था जिसमें उर्दू विद्यालयों यह प्रक्रिया अपनाई गई थी कि उर्दू विद्यालयों को केवल उर्दू विद्यालयों में ही संविलियन किया गया था अन्यथा उसे मुक्त छोड़ दिया गया था। नये आदेश से उर्दू विद्यालयों पर मंडरा रहे खतरा को लेकर कौमी असातिजह तंजीम बिहार के संरक्षक एस एम अशरफ फरीद,प्रदेश अध्यक्ष ताजुल आरफीन,सचिव मोहम्मद ताजुद्दीन, कोषाध्यक्ष मोहम्मद हम्माद,प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य मोहम्मद रिजवान,नदीम अनवर,रजी अहमद, नसीम अख्तर,मोहम्मद अमानुल्लाह,मोहम्मद जावेद आलम,नाजिर असरार आरफी,वकार आलम एवं संरक्षक जिला मुजफ्फरपुर अब्दुल हसीब आदि ने भी चिंता व्यक्त की है।