अल्लाह को महबूब है माह-ए-रमज़ान।
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।
रोजेदार बंदों ने अल्लाह की रजा के लिए गुजारा दिन। भूख प्यास के बीच रोजेदार अल्लाह का शुक्र अदा कर रहे हैं। खुशनसीब मुसलमान एक साथ तीन फ़र्ज़ अदा कर रहे हैं, नमाज़ भी पढ़ रहे हैं, रोजा भी रख रहे हैं और जो मालिके निसाब हैं वह जकात भी अदा कर रहे हैं। मस्जिदों व दरगाहों पर सामूहिक रूप से इफ्तार हो रही है। माह-ए-रमज़ान का तीसरा रोजा भी अल्लाह की इबादत में बीता। चारों तरफ रमज़ान का नूर छाया हुआ है। अल्लाह के बंदे दिन में रोजा रखकर व रात में तरावीह की नमाज अदा कर अल्लाह को राजी करने में लगे हुए हैं। कुरआन-ए-पाक की तिलावत जारी है। नफ्ल नमाजें सलातुल तस्बीह, चाश्त, तहज्जुद, इशराक, सलातुल अव्वाबीन आदि पढ़ी जा रही है। नबी व आले नबी पर दरूदो-सलाम का नज़राना पेश किया जा रहा है। मस्जिदों की सफें नौजवानों, बुजुर्गों व बच्चों से भरी नज़र आ रही हैं। घरों में महिलाएं इबादत के साथ किचन व बाज़ार से खरीदारी की जिम्मेदारियां उठा रही हैं।बाजारों में चहल पहल है। हर तरफ रमजान का फैज़ान जारी है।