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धार्मिक / Jan 14, 2024

बच्चों की परवरिश के साथ दिलाएं अच्छी शिक्षा - गाजिया खानम

तुर्कमानपुर में महिलाओं की तीसरी महाना महफिल।

सैय्यद फरहान अहमद

गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।

मकतब इस्लामियात तुर्कमानपुर में महिलाओं की 'बज्मे कनीजाने आयशा' नाम से तीसरी महाना महफिल हुई। क़ुरआन-ए-पाक की तिलावत मरियम खातून ने की। हम्द व नात तस्मी, सना खान व कनीज़ फातिमा ने पेश की। अध्यक्षता ज्या वारसी ने की। संचालन फलक खातून ने किया। महिलाओं को बच्चों की परवरिश व गुस्ल (नहाना) आदि का तरीका बताया गया। अपील की गई कि सभी एक दूसरे को दीनी किताब पढ़ने के लिए प्रेरित करें। दीनी किताबों में ज्ञान का भंडार है। दीनी किताबें ज्ञान बढ़ाने का अच्छा माध्यम हैं। समाज के उच्च शिक्षित लोगों को समय निकालकर गरीब तबके के बच्चों को पढ़ाने के लिए व्यवस्था करनी चाहिए।

मुख्य वक्ता मुफ्तिया गाजिया खानम अमजदी ने कहा कि महिलाओं का फ़र्ज़ बनता है कि वह अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा के साथ अच्छी परवरिश करें। इस्लाम ने महिलाओं को ऊंचा स्थान दिया है। उनके ऊपर बच्चों की परवरिश व शिक्षा की जिम्मेदारी भी डाली है। समाज‌‌ को बदलने के लिए हमें अपनी ज़िंदगी में इस्लाम की शिक्षाओं को लाना होगा। मां की गोद बच्चों की पहली दर्सगाह (पाठशाला) होती है। महिला अपने बच्चों की सही तरबियत करके समाज को बदल सकती है। जो महिला अपने बच्चों की परवरिश दीन के माहौल में करेगी, उसके बच्चे बुरे रास्ते पर नहीं जाएंगे। कुरआन के मुताबिक ज़िंदगी गुजारने से पूरा खानदान खुशहाल हो सकता है।‌ कुरआन ने पारिवारिक ज़िंदगी गुजारने के तरीके बताए हैं। 

नूर फातिमा ने अल्लाह और उसके रसूल हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के बताए रास्ते पर चलने की नसीहत की और पर्दा दारी के साथ रोज़ा, नमाज़, जकात, हज के फराइज अदा करने पर जोर दिया।‌ कहा कि महिलाएं इस्लामी माहौल का खास ख्याल रखें। अल्लाह ने बच्चों की सूरत में अपनी एक बहुत बड़ी नेमत इंसान को अता की है और उनकी सही तरबियत और परवरिश का हुक्म दिया है क्योंकि बच्चे ही किसी क़ौम, समाज और मुल्क का भविष्य होते हैं। इस्लाम ने बच्चों की परवरिश पर बहुत ज़ोर दिया है और ख़ासकर नबी-ए-पाक हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम बच्चों के साथ बहुत मुहब्बत और हमदर्दी का रवैया रखते थे। 

अंत में सलातो सलाम पढ़कर मुल्क में अमनो शांति की दुआ मांगी गई। शीरीनी बांटी गई। महफिल में छात्रा खुशी नूर, हिफ्जा करीम, साजिया खातून, अंजुम आरा, मुस्कान, तमन्ना, शिफा खातून, नूर सबा, फिजा खातून, तैबा नूर, कुलसुम फातिमा, सानिया खातून, अफीना खातून, शबीना खातून, सबा परवीन, किताबुन्निशा, सहाबिया खातून, आसमा खातून, नूर जहां सहित तमाम महिलाएं शामिल हुईं।

Jr. Seraj Ahmad Quraishi
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