जुलूस-ए-मोहम्मदी ने दिया अमन व मोहब्बत का पैग़ाम।
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।
दावते इस्लामी इंडिया की ओर से खूनीपुर से जुलूस निकाला गया। जिसमें फरहान अत्तारी, रमजान अत्तारी, आदिल अत्तारी, शहबाज अत्तारी, सैयद अल्तमश अत्तारी, अहमद अली, तबरेज अली, मेहताब अली, शहाबुद्दीन अत्तारी आदि शामिल रहे। अंजुमन ज्याए मुस्तफा नौजवान कमेटी मोहम्मदपुर जमुनहिया बाग के जुलूस में मुनाजिर हसन, नसीमुल कादरी, शमीमुल कादरी, समीउल्लाह, इरशाद अहमद, अकील, शकील, सैफ, साहिल आदि शामिल हुए। तुर्कमानपुर के जुलूस में रफी अहमद खां , दानिश अहमद खां, तनवीर अहमद, मनोव्वर अहमद, शाबान अहमद, अलाउद्दीन निज़ामी आदि शामिल रहे। मोहल्ला मियां बाजार रेती रोड से वारिस कमेटी की ओर से जुलूस निकाला गया। जुलूस में नूर मोहम्मद दानिश, अली हसन, अब्दुल कादिर, सैयद शहाबुद्दीन, मोहम्मद नाज़िम आदि लोग मौजूद रहे। मोहल्ला रहमतनगर के जुलूस में मुजफ्फर शाह, तौसीफ अहमद, आसिफ, इमरान आदि शामिल रहे। अहमदनगर चक्शा हुसैन, बक्शीपुर, घासीकटरा, धम्माल, तिवारीपुर, रसूलपुर, गोरखनाथ, खूनीपुर, घोसीपुरवा, सूर्य विहार कालोनी, जमुनहिया बाग, शाहिदाबाद सहित सभी मोहल्लों से जुलूस निकला। जगह-जगह जुलूस का स्वागत हुआ। जुलूस का मुख्य केंद्र नखास चौराहा रहा। जुलूस के मार्गों पर कई जगह स्वागत द्वारा बने थे। जिसे गुब्बारों व झालरों से सजाया गया था। जगह-जगह जुलूसों का स्वागत कर मीठा चावल, बिस्किट, केक, इमरती आदि बांटी गई। लंगर भी बांटा गया। जुलूस में लोग लोग सेल्फी लेते भी दिखे। कई जुलूसों में मस्जिद व दरगाहों के मॉडल आकर्षण का केंद्र रहे। जुलूस में घोड़ा, बग्घी आदि शामिल रहे। जाफरा बाजार में समाजसेवी आदिल अमीन, इरशाद अहमद आदि जुलूसों का स्वागत करते नजर आए। वहीं मदरसा दारुल उलूम हुसैनिया दीवान बाजार से जुलूस निकाला गया। जुलूस में लोग इस्लामिक परचम लेकर चल रहे थे। नात-ए-पाक व इस्लामी नारों की सदा बुलंद की जा रही थी। जुलूस समाप्ति के बाद मदरसे में ईद मिलादुन्नबी की महफिल हुई। जिसमें उलमा किराम ने पैग़ंबरे इस्लाम की ज़िंदगी पर प्रकाश डाला। कहा कि पैग़ंबरे इस्लाम ने पूरी दुनिया को मानवता, एकता, भाईचारा, अमन का पैग़ाम दिया। पैग़ंबरे इस्लाम की तालीमात व किरदार की ही देन है कि इस्लाम धर्म सिर्फ 23 साल की तब्लीग (प्रचार प्रसार) से पूरी दुनिया में फैल गया और उनके इंसाफ की वजह से अपने और पराये सब कद्र करते हैं। कहा कि कमजोरों पर जुल्म न करो और महिलाओं की इज्जत व कद्र करो। मजदूरों पर उनके ताकत से ज्यादा बोझ न लादो और न ही ताकत से ज्यादा काम लो। उनकी मजदूरी बिना परेशान किए पसीना सूखने से पहले अदा करो। हर बड़े का अदब करो। यही पैग़ाम है पैग़ंबरे इस्लाम का। इसे आम करें। दीन-ए-इस्लाम के फर्जों की अदायगी तय समय पर करें। अंत में मुल्क में अमनो अमान की दुआ मांगी गई।