दामादे पैगम्बरे इस्लाम हज़रत अली शेरे खुदा का शहादत दिवस अकीदत से मनाया गया।
ताबूत और अलम के साथ जुलूस निकाले गये। शिया महिलाओं ने इमाम बारगाहों में मजलिस व मातम बरपा किया।
ब्यूरो चीफ़ हफ़ीज अहमद खान
कानपुर नगर, उत्तर प्रदेश।
हुसैनी फैडरेशन के मीडिया प्रभारी डा०जल्फिकार अली रिजवी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि आज यहां पैगम्बरे इस्लाम हजरत मोहम्मद साहब के दामाद और मुसलमानों के खलिफए राशिद हजरत अली शेरे खुदा की शहादत दिवस पर पूरे शहर में शबी-ए-ताबूत के साथ अलम के जुलूस निकाले गये। मजलिसों मातम और नवाख्वानी के द्वारा मौलाएं कायनात हजरत अली करम अल्लाहों वजहों की बारगाह में नजराने अकीदत पेश किया गया। काबे के रब की कसम मैं कामयाब हो गया।इन जुलूसों में हाजी नसीर हसन, हाजी मुन्सिफ अली रिज़वी, हाजी कबीर जैदी, एहसान हुसैन, नवाब मुमताज, डा० जुल्फिकार अली रिज़वी, पप्पू मिर्जा, अली अख़्तर रिज़वी इसरार हुसैन, , मुशीर आब्दी, मुन्तजिर हसन, हसनैन अकबर, अयाज़ हैदर के अलावा शिया मस्जिदों के पेश इमाम भी मौजूद रहे।