Tranding
Sun, 27 Jul 2025 07:45 AM
धार्मिक / Apr 02, 2023

इफ्तार की दुआ रोजा खोलने के बाद पढ़नी चाहिए - उलमा किराम

गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।

तंजीम उलमा-ए-अहले सुन्नत द्वारा जारी रमज़ान हेल्पलाइन नंबरों पर रविवार को सवाल-जवाब का सिलसिला जारी रहा। लोगों ने नमाज़, रोज़ा, जकात, फित्रा आदि के बारे में सवाल किए। उलमा किराम ने क़ुरआन व हदीस की रोशनी में जवाब दिया। 

1. सवाल : इफ्तार की दुआ कब पढ़नी चाहिए? (शहाबुद्दीन, छोटे काजीपुर)

जवाब : इफ्तार की दुआ रोजा खोलने के बाद पढ़नी चाहिए। पहले बिस्मिल्लाह करके रोजा खोल लें इसके बाद इफ्तार की दुआ पढ़ें। (मौलाना जहांगीर अहमद)

2. सवाल : क्या जिस्म के किसी हिस्से से खून निकलने से रोज़ा टूट जाता है? (अली हसन, अहमदनगर)

जवाब : नहीं महज़ खून निकलने से रोज़ा नहीं टूटता। हां अगर मुंह से खून निकला और हलक के नीचे उतर गया तो रोज़ा टूट जाएगा। (कारी मो. अनस)

3. सवाल : क्या जकात के पैसों से इफ्तार करा सकते हैं? (शुएब, गोरखनाथ)

जवाब : नहीं जकात के पैसों से इफ्तार नहीं करा सकते हैं। हां उन पैसों से राशन वगैरा खरीद कर किसी ग़रीब को मालिक बना दें तो जकात अदा हो जाएगी। (मुफ्ती मेराज)

--------------

Jr. Seraj Ahmad Quraishi
38

Leave a comment

logo

Follow Us:

Flickr Photos

© Copyright All rights reserved by Bebaak Sahafi 2025. SiteMap