आल इंडिया गरीबनावाज़ काउन्सिल की तरफ से अजमेर शरीफ रवाना की गयी मरकज़ी चादरे मोहब्बत।
हफ़ीज अहमद खान
कानपूर नगर,उत्तर प्रदेश।
जनवरी ख्वाजा का हिंदुस्तान जिंदाबाद ख्वाजा ख्वाजा कहते हैं हिंदुस्तान में रहते हैं शहन्शाहे हिन्दुस्तान जिन्दाबाद, ग़रीबों के मसीहा ग़रीब नवाज़ जिंदाबाद, मुहब्बते रसूल के अलम बरदार ख्वाजा पिया जिंदाबाद के नारों की गूँज में मरकज़ी चादर को लेकर आल इन्डिया ग़रीब नवाज़ कौन्सिल के ज़ेरे एहतमाम मदरसा अशरफुल मदारिस गद्दियाना से अजमेर शरीफ के लिए रवाना की गयी इस अज़ीम चादर को लेकर आल इन्डिया ग़रीब नवाज़ कौन्सिल के मिम्बरान अजमेर शरीफ के लिए रवाना हुए इस अज़ीम चादर मुहब्बत की एक झलक पाने और उसे बोसा देने (चूमने) के लिए लोग बेक़रार नज़र आये इस मौक़े पर आल इन्डिया ग़रीब नवाज़ कौन्सिल के मिम्बरान ने ज़ायरीन अजमेर शरीफ़ व मिम्बरान आल इन्डिया ग़रीब नवाज़ कौन्सिल को चादरे मुहब्बत हवाले करते हुए कहा कि यह अमन व अमान की चादर है मुल्क की तरक्क़ी व खुशहाली की चादर है हज़रत मौलाना मो. हाशिम अशरफ़ी राष्ट्रिय अध्यक्ष कौन्सिल व इमाम ईदगाह गद्दियाना ने कहा कि हिन्दुस्तान के वज़ीरे आज़म की जानिब से हर साल पेश होने वाली चादर को हम मुहब्बत की निगाह से देखते हैं लिहाज़ा हिंदुस्तान के वजीरे आज़म को उर्से ग़रीब नवाज़ (6 रजब ) की छुट्टी का ऐलान करके एक और मुहब्बत की चादर पेश करना चाहिये हम वजीर ए आज़म हिन्द से पुर जोर मुतालबा करते हैं कि उर्से ग़रीब नवाज़ (6 रजब ) को कौमी तातील के लिए हुक्म सादिर करें | दुनिया के बड़े बड़े बादशाह ख्वाजा ग़रीब नवाज़ की बारगाह में घुटने के बल चल कर आने में अपने को खुश किस्मत समझते थे मरकजी चादर रवाना करते वक़्त खास तौर से मौलाना फैसल अलीमी साहब, मुफ्ती शमशुल हुदा मिस्बाही, हाफिज मिनहाजुद्दीन कादरी, यूसुफ रजा कानपुरी, हाफिज फैजान रजा ,कारी नौशाद अज़हरी, अपील हसन , हाजी हैदर अली,अकील हसन, हाफिज अरशद अशरफी, डॉक्टर सलीम अहमद ,मोहम्मद सहीम, हाफिज नियाज़ अशरफी ,शमशाद गाजी,हनीफ अहमद,जुनेद अख्तर सिद्दीकी, हाफिज मोहम्मद मुस्ताक ,हाफिज रिजवान अहमद हाफिज हशमतुल्लाह आदि उपस्थित थे |