श्रम महासंघों ने 9 जुलाई को देश व्यापी हड़ताल को सफल बनाने के लिए तैयारी शुरू
कानपुर, उत्तर प्रदेश
औद्योगिक हड़ताल को लेकर 20 मई को केंद्रीय श्रम महासंघों के द्वारा देशव्यापी शंखनाद किया गया था। चूंकि भारत पाक के बीच तनाव बढ़ जाने से श्रम महासंघों ने हड़ताल की तारीख में बदलाव कर औद्योगिक हड़ताल की तारीख 9 जुलाई पुनर्निर्धारित किए जाने के क्रम में केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच ने लेबर लॉ रिप्रेजेंटेटिव एसोसिएशन कार्यालय में बैठक कर हड़ताल को सफल बनाए जाने के लिए चर्चा की।
श्रमिक नेताओं ने मजदूरों के गिरते हालात पर चिंता जताते हुए कहा कि न्यूनतम वेतन परामर्शदात्री बोर्ड के गठन न होने से बढ़ती महंगाई के अनुसार वर्तमान मजदूरी दर 26,000 रुपये प्रतिमाह के स्थान पर दस से चौदह हज़ार के वेतन पर जीवित रहने पर मज़बूर है। सरकार शोषण को संरक्षण देने के लिए चार श्रम संहिताओ को लागू करने पर आमादा है, जिसे तत्काल रद्द कर श्रम कानून बहाल किया जाए, सार्वजनिक उद्योगों को बेचने, निजीकरण, ठेकेदारी प्रथा की प्रक्रिया बंद की जाये, सेवानिवृत श्रमिकों को पेंशन राशि 10000 करने,केन्द्र सरकार द्वारा गठित औद्योगिक न्यायधिकरण एवं श्रमायुक्त कार्यालयों में पीठासीन अधि आयुक्तों एवं कर्मियों के रिक्त पदों पर शीघ्र नियुक्त किए जाने को हड़ताल का मुद्दा बनाने पर विचार किया गया।
इस संबंध में तय किया गया कि औद्योगिक क्षेत्रों में नुक्कड़ सभा तथा पर्चा वितरण कर श्रमिकों को उनके हितों और अधिकारों से संबंधित जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। अभियान की शुरुआत जून महीने के अंतिम सप्ताह से होगी।
बैठक में प्रमुख रूप से असित कुमार सिंह संयोजक, राजीव खरे, राणा प्रताप सिंह, आर डी गौतम, रामप्रकाश राय,ओपी रावत, शशिकांत शर्मा आदि ने विचार रखे।
असित कुमार सिंह संयोजक केंद्रीय ट्रेड यूनियनों का संयुक्त मंच कानपुर