जाम की समस्या से पुलिस प्रशासन के पास कोई समाधान नहीं,मूक दर्शक।
शहाबुद्दीन अहमद
बेतिया, बिहार।
पूरे नगरीय क्षेत्र में जाम की समस्या से लोग हांफ रहे हैं, पुलिस प्रसारण वाला जिला प्रशासन मुक्त दर्शक बना हुआ है,आम जनता का पसीना छूट रहा है, सैकड़ो की संख्या में मरीज अस्पताल पहुंचने में असमर्थ हो रहे हैं,जिससे उनकी अस्पताल पहुंचने से पहले ही मौत भी हो जा रही है, इतना ही नहीं स्कूल के बच्चे बच्चियों का स्कूल बस और माता-पिता के द्वारा अपने बच्चों को बाइक से घर तक पहुंचने में भी बहुत सारी कठिनाइयों को झेलना पड़ा रहा है,बच्चे भूख से तड़प कर बिलबिला कर रह जा रहे हैं,रह जा रहे हैं,मगर जाम की समस्या है कि खत्म होने का नाम भी नहीं ले रहा है।पुलिस का यातायात व्यवस्था, यातायातथाना,इसमें कार्यरत पुलिस बल भी नाम मात्र का अपना ड्यूटी कर रहे हैं,इन लोगों से भी जाम की समस्या दूर नहीं हो रही है।बाइक चलाने वाले,टेंपो चलाने वाले, चार पहिया वाहन चलाने वाले, रिक्शा चलाने वाले,टांगा चलाने वाले,ठेला वाले भी इस जाम की समस्या से जूझ रहे हैं,इसकेअलावा एक दूसरे से बाजी लगाकरआगे निकलने की प्राथमिकता दे रहे हैं। पुलिस का गस्ती टीम,डायल 112 की पुलिस टीम,नगर थाना एवन अन्य थाना की पुलिस जीप,सरकारी पदाधिकारी की बाईक, गाड़ी,जीप भी इस भारी जाम की समस्या से परेशान है,मगर इस पर कार्रवाई करने वाला कोई पदाधिकारी नहीं है,सभी एक दूसरे पर दोषारोपण कर अपना गुस्सा निकाल रहे हैं, मगर ढाक के तीन पात वाली कहानी चरितार्थ होती नजर आ रही है। इन सभी के अलावा सड़क का अतिक्रमण करके,ठेला,गुमटी,दुकान, झोपड़ी में दुकान लगाकर जाम की समस्या का मुख्य धारक है, अतिक्रमण तो इस शहर का मुख्य मुद्दा बनकर रह गया है नगर निगम और पुलिस प्रशासन के द्वारा अतिक्रमण को हटा दिया जाता है मगर दूसरे दिन ही फिर अतिक्रमणकारियों के द्वारा अतिक्रमण करकेअपनी दुकान गुमटी,ठेला,झोपड़ी को पुनः लगा देते हैं,जिसको देखने वाला कोई प्रशासन नहीं है, लाखों लाख रुपया खर्च करके नगर प्रशासन,पुलिस प्रशासन के संयुक्त कार्रवाई करके अतिक्रमण को हटा देते हैं मगर पुनःअतिक्रमण कर दुकान, गुमटी, ठेला,झोपडडी लगाने वाले दुकानदारों पर कोई कार्रवाई नहीं करते हैं, जिससे उनका मनोबल बढ़ा रहता है,पुनःजाम की समस्या जस की तस रह जाती है, इस जाम की समस्या पर नियंत्रण करने के लिए पुलिस प्रशासन को शख्त्ती बरतनी होगी।