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धार्मिक / Apr 05, 2024

सहरी-इफ्तार का नूरानी शमां चारों ओर।

सैय्यद फरहान अहमद 

गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।

मुकद्दस रमज़ान के माह में की गई इबादत व नेकी का सवाब कई गुना बढ़ा कर मिलता है, इसीलिए अल्लाह के बंदे रोज़ा, नमाज़, जकात, सदका-ए-फित्र, एतिकाफ आदि के जरिए खूब नेकी बटोर रहे हैं। वहीं बंदों द्वारा शबे कद्र की ताक रातों में जागकर खूब इबादत की जा रही है। भाईचारगी बढ़ाने के लिए सामूहिक इफ्तार की दावतें हर जगह आम हैं। कुरआन-ए-पाक की तिलावत मस्जिद व घरों में हो रही है। पुरुषों की तरह महिलाएं भी इबादत के साथ कीचन व बाजार की जिम्मेदारी भी उठा रही हैं। इस वक्त रेती, शाह मारुफ, उर्दू बाजार, घंटाघर, जाफरा बाजार, गीता प्रेस रोड, गोलघर, गोरखनाथ आदि बाजारों में मुस्लिम महिलाओं को खरीदारी करते आसानी से देखा जा सकता है। ईद के लिए जमकर खरीदारी हो रही है। शाह मारुफ में ईद के लिए सजा दस दिनों वाला अस्थायी बाज़ार गुलज़ार है। गुरुवार को 24वां रोजा खैर के साथ बीता। बड़े तो बड़े बच्चे भी रोज़ा रखकर इबादत में मशरूफ हैं। शाम को दस्तरख़्वान पर तमाम तरह की खाने, शर्बत रोज़ेदारों का इस्तकबाल करते नज़र आ रहे हैं। हदीस शरीफ़ के मुताबिक रोज़ेदार के लिए दरिया की मछलियां भी दुआ करती हैं। सहरी व इफ्तार के समय नूरानी समा चारों तरफ नज़र आ रहा है।


Jr. Seraj Ahmad Quraishi
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