जहरीले जानवर के डंसने से रोज़ा नहीं टूटेगा - उलमा किराम
सैय्यद फरहान अहमद
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।
उलमा-ए-अहले सुन्नत द्वारा जारी रमज़ान हेल्प लाइन नंबरों पर सवाल-जवाब का सिलसिला जारी रहा। लोगों ने नमाज़, रोज़ा, जकात, फित्रा, एतिकाफ, शबे कद्र आदि के बारे में सवाल किए। उलमा किराम ने क़ुरआन ओ हदीस की रोशनी में जवाब दिया।
1. सवाल : क्या बूढ़ा व्यक्ति रोज़ा रखने के बजाए उनका फिदया दे सकता है? (मो. शहाबुद्दीन, गोरखनाथ)
जवाब : अगर बूढ़ा व्यक्ति इतना कमज़ोर है कि न अभी रोज़ा रख सकता है न आने वाले वक्त में ताकत की उम्मीद है तो ऐसा व्यक्ति रोज़ों के बजाए फिदया दे सकता है। (मुफ्ती अख़्तर)
2. सवाल : क्या जहरीले जानवर सांप, बिच्छू वगैरा के डंसने से रोज़ा टूट जाएगा? (सैयद मोहम्मद काशिफ, घोसीपुर)
जवाब : सांप, बिच्छू वगैरा के डंसने से रोज़ा नहीं टूटेगा, बल्कि अगर जान जाने का खतरा हो तो रोज़ा तोड़ लें और बाद में उसकी कजा करें। (मौलाना जहांगीर)
3. सवाल : अगर फिदया देने के बाद कमज़ोरी जाती रही तो क्या हुक्म होगा? (अब्दुल, अलीनगर)
जवाब : अगर रोज़ों की फिदया देने के बाद रोज़ा रखने की ताकत आ गई तो जो फिदया दिया था वो नफ्ली सदका हो जाएगा, और रोज़ों की कजा रखना लाज़िम होगा। (मुफ्ती मेराज)