अधिक मास की अमावस्या को महिलाओं ने कावड़ यात्रा निकाली।
हिंदू धर्म में अमावस्या का विशेष महत्व होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार सावन अधिक मास की अमावस्या 16 अगस्त बुधवार के दिन है अधिक मास की अमावस्या 3 साल में एक बार आती है। इसलिए इसका महत्व और बढ़ जाता है । इस दिन विशेष उपाय करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
अमित कुमार त्रिवेदी
कानपुर महानगर, उत्तर प्रदेश।
श्रावण मास में 18 जुलाई से शुरू हुआ अधिक मास 16 अगस्त 2023 को समापन हो रहा है । सावन में अधिक मास का संयोग पूरे 19 वर्ष बाद बन रहा है । अधिक मास की अमावस्या 16 अगस्त को पड़ रही है । पूर्वजों की आत्मा की तृप्ति के लिए अमावस्या का दिन श्रद्धा की रस्मों को करने के लिए उपयुक्त माना जाता है । साथ ही इस दिन कुछ विशेष युक्ति करने से लोगों को पुण्य की प्राप्ति होती है।
मनोकामना फल प्राप्त करने के लिए आज पनकी नहर पर महिलाओं ने स्नान ध्यान कर प्रभु भोलेनाथ का स्मरण कर अपने-अपने पात्र में जल भरकर कावड़ यात्रा पर पैदल ही कछुआ तालाब मंदिर पनकी की तरफ चल निकली रास्ते भर ओम नमः शिवाय का जप करते हुए भोलेनाथ का जयकारा लगाते हुए यात्रा बढ़ रही थी। संवाददाता द्वारा पूछने पर बताया गया यह कावड़ यात्रा क्षेत्र की महिलाएं इकट्ठा होकर पनकी नहर पर सुरेश्वर मंदिर पर जल अर्पित कर पैदल चलकर अपनी मनोवांछित फल की कामना की। कावड़ यात्रा मैं शामिल सभी महिलाओं ने भोलेनाथ पर जलाभिषेक कर मनोकामना के रूप में अपने परिवार की सुख शांति व निरोगी काया की कृपा बनाए रखें का आशीर्वाद मांगा ।
इस अवसर पर प्रमुख रूप से अर्चना शुक्ला, मधु यादव,साधना बाजपेई,अंजू पाठक,अन्नपूर्णा दुबे, कमलेश त्रिवेदी, अनीता दुबे,पूजा शर्मा,राम मूर्ति,उषा यादव,अर्चना शुक्ला, जयंती पाठक, ममता कटियार, गीता दुबे, नीलम दुबे आदि महिलाएं उपस्थित रही।