लोकसभा चुनाव की घोषणा होते ही राजनीतिक दलों में बढ़ी सरगर्मी।
रिपोर्ट :विनोद विरोधी
गया, बिहार।
देश में लोकसभा चुनाव की घोषणा होते ही राजनीतिक दलों में सरगर्मी बढ़ गई है ।सूबे में 40 लोकसभा क्षेत्र वाले चुनाव क्षेत्रों में महामना बुद्ध की धरती पर पहले चरण में ही मतदान की घोषणा चुनाव आयोग ने की हैं। मगध प्रमंडल के अंतर्गत आने वाले चार लोकसभा क्षेत्र में जहानाबाद क्षेत्र को छोड़कर तीन अन्य संसदीय क्षेत्र गया (सु.)नवादा (सु.) और औरंगाबाद में आगामी 19 अप्रैल 2024 को मतदान कराया जाएगा। इसके लिए 20 मार्च को अधिसूचना जारी हो जाएगी। ऐसे में राजनीतिक दलों के संभावित प्रत्याशियों की सरगर्मी बढ़ गई है।हालांकि अभी तक किसी दल ने प्रत्याशियों की सूची अधिकृत तौर पर घोषणा नहीं की गई है,लेकिन एनडीए प्रत्याशी के रूप में पूर्व सीएम व हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक जीतनराम मांझी का नाम लिया जा रहा हैं। 2014 एवं 2019 में भी वे चुनाव लड़ चुके हैं।, लेकिन उन्हें मुंह की हार खानी पड़ी थी।। फिलहाल वे जिले के इमामगंज विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व भी कर रहे हैं ।वहीं इंडिया गठबंधन के तरफ से राजद उम्मीदवार के रूप में पूर्व कृषि मंत्री व बोधगया के विधायक कुमार सर्वजीत का नाम चर्चा में हैं। इनके अलावे बसपा समेत अन्य दलों को उम्मीदवारों के नाम भी चर्चा में हैं। लेकिन अभी तक किसी ने अपना पता नहीं खोला हैं। यह अलग बात है कि सूबेमें चुनाव की घोषणा होते ही इन नेताओं एवं उनके समर्थकों की सरगर्मी बढ़ गई है।बीते 9 मार्च 2024 को मोहनपुर के बुमुआर में एक कार्यक्रम में पूर्व सीएम जीतन राम मांझी की समधिन व बाराचट्टी की विधायिका ज्योति मांझी ने सूबे के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार को बुलाकर राजनीतिक लाभ बटोरने का प्रयास की है ।समस्याओं से ग्रस्त इस इलाके के मतदाताओं पर इस कार्यक्रम का कितना असर पड़ा यह तो आने वाला समय बताएगा ।इधर इंडिया गठबंधन के संभावित प्रत्याशी व पूर्व कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत ने भी 17 मार्च को बाराचट्टी समेत अन्य विधानसभा का दौरा कर मतदाताओं व समर्थकों को लुभाने का प्रयास किया तथा यह कहकर लोगों से अपना आशीर्वाद मांगा की मैं कोई वादा तो नहीं कर सकते लेकिन आपकी उम्मीदों पर खरा उतरने का काम करूंगा। बता दें कि जिले के अत्यंत पिछड़ा क्षेत्र की श्रेणी में आने वाला बाराचट्टी एवं इमामगंज विधानसभा क्षेत्र में सड़क व सिंचाई की कई योजनाएं वर्षों से लंबित हैं। जिसका प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष तौर पर एनडीए गठबंधन की उम्मीदवार व पूर्व सीएम जीतन राम मांझी भी जिम्मेदार हैं। जिसका खामियाजा इस लोकसभा चुनाव में भुगतना होगा ।वैसे तो विगत चुनाव में तथाकथित सुशासन सरकार के मुखिया रहे नीतीश कुमार के दल से जीते गया के निवर्तमान सांसद विजय कुमार मांझी ने 2019 के चुनाव में अपनी जीत दर्ज की थी। लेकिन वे अपनी शान शौकत के सामने आम नागरिकों से कोई लेना-देना ना के बराबर रहा हैं। परिणाम यह हुआ कि इस बार उनका पता भी साफ हो चुका हैं। जिसका खामियाजा भी मौजूदा सत्ताधारी प्रत्याशी को भुगतना होगा।विदित हो की बाराचट्टी विधानसभा क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण सड़के वर्षों से जर्जर हालत में हैं। इनमें बाराचट्टी से प्रखंड मुख्यालय मोहनपुर होते हुए बोधगया तक की सड़क, बाराचट्टी से बुमुआर होते हुए लाडू- डेमा सड़क, जीटी रोड सुलेबट्टा से सरवां बाजार होते हुए चौवारी तक की सड़क समेत अन्य सड़कों की हालत काफी बद से बदतर है। वहीं मुहाने जलाशय परियोजना समेत अन्य सिंचाई परियोजनाएं लंबित है।