शहर में लगा जाम ही जाम, पुलिस प्रशासन रही नाकाम।
शहाबुद्दीन अहमद
बेतिया,पश्चिमी चंपारण, बिहार।
नगर में चारों ओर जान ही जाम लगा हुआ है पूरा आवागमन बातचीत है पैदल चलना भी मुश्किल है,जाम की समस्या से निजात पाने के लिए जिला प्रशासन,पुलिस प्रशासन,नगर प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। पूरे शहर में अतिक्रमण,वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था नहीं होना ही जाम की मुख्य समस्या है।पूरेशहर में अतिक्रमण के अलावा,दुकानों ठेलों,गुमटियों,टेंपो चालकों, रिक्शा चालकों,तांगा चालकों के द्वारा गलत तरीके से इधर-उधर लगाकर जाम की समस्या उत्पन्न की जा रही है।
यातायात थाना के द्वारा यातायात व्यवस्था के दुरुस्त नहीं रहने के कारण जाम की समस्या भी उत्पन्न हो रही है, जिला के अन्य जगहों पर भी यातायात थाना खुल जाने के कारण भी कुछ भी समस्या का समाधान नहीं है। विभिन्न चौक चौराहों पर यातायात पुलिस और नगर थाना के पुलिस भी ड्यूटी पर रहती है इसके बावजूद भी जाम की समस्या में सुधार नहीं हो पा रहा है। वाहन चालकों के द्वारा ट्रैफिक नियमों की अनदेखी की जा रही है,वाहन चालक अपनी मर्जी केअनुसार वाहन को यत्र तत्र लगाकर,सामान खरीदने घूमने फिरने के लिए चले जाते हैं।सड़क के किनारे,बीचोबीच बाइक,तीन पहिया,चार पहिया गाड़ी को लगाकर जाम की समस्या को उत्पन्न करते हैं।
संवाददाता ने खुद पैदल चलकर शहर के कई इलाकों का स्थल निरीक्षण किया,नगर के विभिन्न स्तर के लोगों ने संवाददाता से शिकायत की कि यातायात व्यवस्था और ट्रैफिक पुलिस की नाकामी के कारण शहर में जाम की समस्या लग रही है,सड़क के किनारे दोनों ओर दुकानों के लग जाने के कारण भी जाम लगने की एक मुख्य समस्या बन गई है। शहर में जिन स्थानों पर सबसे अधिक जाम की समस्या लगती है,उनमें मीना बाजार चौक,शोआ बाबू चौक,लाल बाजार चौक,स्टेशन चौक,बस स्टैंड चौक के साथ साथ क्रिश्चियन क्वार्टर चौक, बानूछापर चौक जहां ओवर ब्रिज बनने के बाद और भी समस्या उत्पन्न हो गई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि बेतिया शहर और जाम की समस्या दोनों एक दूसरे के पर्यायवाची हैं। जब तक शहर से अतिक्रमण नहीं हटेगा और वाहनों के पड़ाव की जगह नहीं बनाई जाएगी तब तक जाम की समस्या से मुक्ति नहीं मिलेगी। या अजब फिल्म बना है कि नगर प्रशासन जिला प्रशासन के द्वारा अतिक्रमण तो हटाया जाता है जिसमें लाखों लाख रुपया राजस्व की हानि होती है,मगर जिस जगह सेअतिक्रमण हटता है,वहां पुनः दूसरे दिन ही अतिक्रमण कर लिया जाता है,इसको देखने वाला कोई नहीं है, केवल नगर प्रशासन,जिला प्रशासन,पुलिस प्रशासन मात्र दिखावा का काम करती है कि अतिक्रमण हटा दिया गया, मगर अतिक्रमण हटता कहां है पुनः अतिक्रमणकारीइस जगह पर अतिक्रमण कर अपना दुकान, गुमटी,झोपड़ी,ठेला, मकान बना लेते हैं, जिससे पुनः मुझको भव:की स्थिति आ जाती है।