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धार्मिक / Jan 05, 2024

पैग़ंबरे इस्लाम की शिक्षा सारी इंसानियत के लिए है- उलमा किराम

रसूलपुर में 'न्यू ईयर और मुसलमान' विषय पर संगोष्ठी।

सैय्यद फरहान अहमद

गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।

पासबाने अहले सुन्नत की ओर से रसूलपुर जामा मस्जिद के पास 'न्यू ईयर और मुसलमान' विषय पर संगोष्ठी हुई। क़ुरआन-ए-पाक की तिलावत से आगाज हुआ। नात व मनकबत पेश की गई। मुख्य वक्ता मौलाना जहांगीर अहमद अजीजी ने कहा कि मुसलमान नये साल के मौके पर शपथ लें कि दीनी व दुनियावी शिक्षा हासिल कर समाज के विकास में बढ़-चढ़कर योगदान देंगे। हर तरह की बुराई से दूर रहकर शरीअत पर अमल करेंगे। अल्लाह से गुनाहों की माफी मांग नेक बनेंगे। पैग़ंबरे इस्लाम हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम, अहले बैत, सहाबा किराम व औलिया किराम की ज़िंदगी को अपना आदर्श बनायेंगे। कुरआन-ए-पाक की बताई राह पर चलेंगे।

उन्होंने कहा कि आज की दुनिया में बुराई का अनुपात अच्छाई के मुकाबले में लगातार बढ़ रहा है और समाज में विश्वास का संकट पैदा हो रहा है। बाप ने अपने बच्चे से कहा, ‘‘झूठ मत बोलो’’ फिर अगर कोई मिलने आता है, तो खुद कहता है कि कह दो, ‘‘घर पर नहीं हैं।’’ शिक्षक कहता है, ‘‘ईमानदार बनो,’’ मगर खुद क्लॉस नहीं लेता। नेता कहता है, ‘‘अपने देश के लिए कुर्बानी दो’’ और वह खुद देश के हितों को अपने हित पर कु़र्बान कर रहा है। इन परिस्थितियों में नई पीढ़ी के सामने कोई रोल मॉडल या ‘आदर्श लक्ष्य’ नहीं है। नतीजा यह होता है कि वह स्वार्थ तथा भोग-विलास और मनोरंजन को ही अपना आदर्श बना लेता है। कथनी और करनी का यह विरोधाभास विश्वास के संकट का कारण बन गया है, लेकिन तौहीद (एकेश्वरवाद) ही एक ऐसी विचारधारा है जो इस बीमारी को खत्म कर सकती है। अल्लाह तआला फरमाता है ‘‘वह बात क्यों कहते हो, जो करते नहीं।’’ एकेश्वरवाद का मानने वाला यह मानता है कि अल्लाह का अस्तित्व है और वह सब कुछ देख और सुन रहा है। यह एहसास उसे सारी बुराइयों से बचा लेता है और उसे हर तरह की अच्छाइयां करने के लिए उभारता है। हम सब अल्लाह के बंदे हैं। वो हमारा मालिक है। वही इबादत का हक़दार है। दूसरा कोई इबादत के लायक़ नहीं, हम सब उसकी मखलूक हैं, वो हमारा ख़ालिक है, वो अपने बंदों पर रहमान व रहीम है।

विशिष्ट वक्ता मौलाना रजिउल्लाह मिस्बाही ने कहा कि पैग़ंबरे इस्लाम हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने जो शिक्षा दी है वह सारी इंसानियत के लिए है। पैग़ंबरे इस्लाम ने जुआ, शराब, सूद और जिना को हराम करार दिया है। मुसलमान इन हराम चीजों से बचें और पैगंबरे इस्लाम के बताए रास्ते पर चलें ताकि दीन और दुनिया दोनों संवर सके। 

अंत में दरुदो-सलाम का नजराना पेशकर मुल्क में अमनो अमान, विकास व भाईचारे की दुआ मांगी गई। संगोष्ठी में मुफ्ती खुश मोहम्मद, सफक, शहनवाज, खालिद, जुनैद, सैयद नदीम अहमद, शुएब आदि ने शिरकत की। वहीं दावते इस्लामी इंडिया की ओर से सुप्पन खां की मस्जिद खूनीपुर में भी संगोष्ठी हुई।

Jr. Seraj Ahmad Quraishi
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