रानी लक्ष्मीबाई महिला विकास समिति ने मानसिक निःशक्त , ऑटिज्म , सेरेब्रल पाल्सी , दिव्यांग स्पेशल बच्चों में शिक्षण प्रशिक्षण सामग्री वितरण किया गया।
ब्यूरो चीफ अंजुम शहाब की रिपोर्ट मुज़फ्फरपुर बिहार।
हिंदुस्तान पेंसिल के प्रोडक्ट :- अप्सरा , नटराज , कंपनी से कार्यक्रम संयोजक श्री विकास कुमार जी के कर कमलो से स्पेशल *मानसिक निःशक्त ,* *ऑटिज्म , सेरेब्रल* *पॉलिसी , मनीष कुमार , प्रिंस राज , प्रियांशु कश्यप , राजा बाबू सिंह , हिमांशु कुमार , प्रियम कुमार , दीपांक्षी कुमारी , मनीषा कुमारी , सत्येंद्र कुमार , राहुल कुमार , इत्यादि* 40 से अधिक *दिव्यांग बच्चे* के बीच आगामी 14 नवंबर बाल दिवस के उपलक्ष में बच्चों को शिक्षा से जोड़ने हेतु प्रयास किया गया जो ऐसे बच्चे समाज के मुख्य धारा से वंचित है साथही शिक्षा से दूर है इसलिए इस तरह का अलग-अलग जगह पर कार्यक्रम करके जागरूक्त किया जा रहा है शिक्षण सामग्री बच्चे को प्राप्त करते ही चेहरा पर खुशहाली देखने को मिली अपने आप को कभी कमजोर ना समझे हिम्मत रखें पढ़ाई में आगे करें वही मनीष कुमार से पूछने पर बताया कि मैं पुलिस बनूँगा एवं हिमांशु कुमार बताया कि मैं डॉक्टर बनूँगा तथा इस तरह के बच्चे के अंदर जज़्बा रहती है बहुत कुछ कर सकते हैं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्पेशल ओलंपिक एवं पैरालंपिक में मेडल प्राप्त कर चुके हैं ।
कार्यक्रम में उपस्थित रानी लक्ष्मीबाई महिला विकास समिति सफल विशेष विद्यालय के प्राचार्य उषा कुमारी ने बताई कि ऐसे बच्चों के बीच यदि आप जिंदगी में कहीं भी व्यस्त रहते हैं वहां से अपना कीमती समय में से 2 घंटा यदि ऐसे बच्चो के बीच बिताते हैं तो आपको बहुत ही खुशी महसूस होगी और ऐसे बच्चे भगवान के रूप होते हैं
इस तरह के बच्चों को प्यार से समझा कर आप खेलकूद पढ़ाई लिखाई वोकेशनल ट्रेनिंग कर सकते हैं वही कार्यक्रम में उपस्थित शिक्षक राहुल कुमार बताए की यह बच्चे को आगे बढ़ते हुए हमें देखकर बहुत ही खुशी होती है आम बच्चों से कहीं बेहतर कर सकते हैं और करते भी हैं हम लोग देख रहे हैं राष्ट्रीय स्तर पर खेल कूद के माध्यम से अपना स्थान बना चुके हैं इसी संस्था के छात्र प्रिंस राज , प्रियांशु कश्यप , अभिज्ञान भारद्वाज , अतुल कुमार , प्रत्युष टोटल 5 छात्र को बिहार सरकार ने खेल सम्मान समारोह के माध्यम से एक से डेढ़ लाख रुपया तक सम्मान राशि देकर बच्चों का उत्साह बढ़ाने का कार्य की प्रत्येक साल अपने बल पर इस तरह के स्पेशल बच्चे खेल में कदम बढ़ा रहे हैं ।