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धार्मिक / Nov 14, 2023

हजरत सूफी निजामुद्दीन अलैहिर्रहमा के गयारहवें उर्स की होने लगीं तैयारियां।

संतकबीर नगर, उत्तर प्रदेश।

संतकबीरनगर।भारत के प्रसिद्ध सूफी बुजुर्ग व इस्लामिक विद्वान हजरत सूफी निजामुद्दीन कादरी बरकाती रज़वी मुहद्दिस बस्तवी अलैहिर्रहमा के ग्यारहवें उर्स की तैयारियां तेज हो गई हैं।15 नवम्बर को नमाज-ए-फ्रज बाद कुरान खानी से कार्यक्रम की शुरुआत होगी।दोपहर जोहर की नमाज के बाद मजार पर चादरपोशी और गुलपोशी का सिलसिला शुरू होगा और देर शाम तक चलेगा। रात में इशा की नमाज के बाद निजामी कान्फ्रेंस का आयोजन किया जाएगा।जिसमें देश के कई बड़े इस्लामिक विद्वान प्रतिभाग करेंगे।16 नवम्बर की सुबह में 08:00 बजे मजार पर कुल शरीफ के आयोजन के बाद उर्स का कार्यक्रम समाप्त हो जाएगा। अकीदतमंद खानकाह को सजा कर भव्य बनाने के लिए अन्तिम रुप देने में लेग हुए हैं। हर तरफ प्रकाश की व्यवस्था किया जा रहा है। कार्यक्रम में

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| हजरत सूफी निजामुद्दीन मुहद्दिस बस्तवी एक नजर में।

खतीबुल बराहीन अलहाज अश्शाह हजरत मोहम्मद निजामुद्दीन मुहद्दिस बस्तवी का जन्म सेमरियावा के अगया में 15 जनवरी 1928 को हुआ था। घर पर प्रारम्भिक शिक्षा लेने के बाद 1947 में आगे की शिक्षा बसडीला में ली। उच्च शिक्षा 1948 में जमीयतुल अशरफिया मुबारकपुर से ली मुबारकपुर में फजीलत की शिक्षा लेने के बाद 1952 में उनकी दस्तार बंदी हुई। जन्म से ही सीधे व सरल स्वभाव के होने के कारण इनका नाम सूफ़ी पड़ गया हजरत सूफी निजामुद्दीन अलैहिर्रहमा ने अपनी हयाते जिन्दगी में शिक्षा की खिदमत को अंजाम देते हुए समाज को सीधा रास्ता दिखाने के लिए एक दर्जन से अधिक किताबें लिखी। शिक्षा को बढ़ावा देते हुए14 मार्च 2013 को पैत्रिक गांव अगया में निधन हुआ था उनके अंतिम संस्कार में देश व विदेश से लाखों की संख्या में उनके चाहने वाले पहुंचे थे। उनका सालाना उर्स अरबी महीने की एक जुमादल अव्वल को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।

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 हजारों अकीदतमंद खानकाह पहुंचने लगे हैं।

 सेमरियावां ब्लॉक के अगवा निवासी प्रसिद्ध इस्लामिक विद्धान खतीबुल बराहीन अलहाज अश्शाह हजरत मोहम्मद निजामुद्दीन मुहद्दिस बस्तवी अलैहिर्रहमा का ग्यारहवां उसे पैतृक गांव में अकीदत व खुलूस के साथ मनाने के लिए तैयारियां जोरों पर है। खानकाह को लाईटिंग व फूल मालाओं से सजाया जा रहा है। उसे निजामी में शामिल होने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से मुरीद खानकाह पर पहुंचने लगे हैं। मुरीदों के खाने, रहने की व्यवस्था की गई है।

Jr. Seraj Ahmad Quraishi
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