शहर में गूंजा 'मुस्तफा जाने रहमत पे लाखों सलाम' का तराना।
अकीदत के साथ निकाला गया जुलूस-ए-मोहम्मदी।
सैय्यद फरहान अहमद
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।
पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के जन्मदिवस की खुशी ईद मिलादुन्नबी अकीदत, अदब व एहतराम से मनाई गई। ईद मिलादुन्नबी के मौके पर घर, मस्जिद, मदरसा व दरगाहों में 'जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी' की महफिल सजी। क़ुरआन-ए-पाक की तिलावत हुई। दरूदो-सलाम का नज़राना पेश किया गया। फातिहा ख्वानी व दुआ ख्वानी हुई। मुसलमानों के सिरों पर इस्लामी टोपियां व अमामा शरीफ सजा नजर आया।
सुबह मस्जिदों पर परचम कुशाई (झंडारोहण) की रस्म परंपरा के मुताबिक अदा की गई। विभिन्न मोहल्लों से जुलूस-ए-मोहम्मदी निकाला गया। हर जबां व सोशल मीडिया पर ईद मिलादुन्नबी की मुबारकबाद थी। इस हसीन मौके पर मुल्क में अमन, शांति व कौम की तरक्की के लिए खास दुआ की गई। घरों में लज़ीज़ पकवान बनें। जुलूस निकलने का सिलसिला सुबह जो शुरु हुआ तो देर रात चलता रहा। सभी ने सरकार की आमद मरहबा, या नबी सलाम अलैका, या रसूल सलाम अलैका, या हबीब सलाम अलैका, मुस्तफा जाने रहमत पे लाखों सलाम आदि सलाम पैग़ंबरे इस्लाम की बारगाह में पेश किया। नारा-ए-तकबीर अल्लाहु अकबर, नारा-ए-रिसालत या रसूलल्लाह, हिन्दुस्तान जिंदाबाद का नारा भी खूब लगा। कई जगह जुलूसों का स्वागत भी किया गया। इस्लामी पैगामात से सजे बोर्ड व बैनर पैग़ंबरे इस्लाम की तालीमात पर रौशनी डाल रहे थे। जुलूसों में तिरंगा झंडा भी लहरा रहा था। तुर्कमानपुर में हाफ़िज़ सैफ अली, हाफिज अशरफ, समीर रजा, मो. दानिश, मो. शहबाज, मो. अमन, मो. कैफ़, मो. बेलाल ने सामूहिक रूप से क़ुरआन-ए-पाक पढ़ा। छोटे काजीपुर व बड़े काजीपुर पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के पवित्र बाल मुबारक की जियारत सलातो सलाम के बीच करवाई गई। शाही जामा मस्जिद तकिया कवलदह में हाफिज आफताब अहमद व अरजान अत्तारी ने पौधारोपण किया।