जीएमसीएच बेतिया में रोगियों से उगाही की कोई सीमा नहीं,अस्पताल प्रशासन मूकदर्शक।
शहाबुद्दीन अहमद
बेतिया, बिहार।
स्थानीय नगर थाना क्षेत्र में अवस्थित,बेतिया सरकारी मेडिकल कॉलेजअस्पताल की व्यवस्था बहुत ही दयनीय हो गई है।इस अस्पताल में बगैर घुस के कोई काम नहीं हो रहा है,रोगी और उसके परिजनों से कदम-कदम पर,हर मोड़ पर पैसा लेकर ही काम किया जा रहा है,जो रोगी और उसके परिजन पैसा नहीं दे रहे हैं उनके रोगियों का इलाज भी ठीक से नहीं हो रहा है,इसके साथ ही डॉक्टर भी बेड तक नहीं पहुंच पा रहे हैं, बेड,दवा,सुई,डॉक्टर और नर्स का मिलना तो दूर की बात है, जो लोग ₹200 देते हैं,उनके रोगियों का देखभालअच्छे तरीके से हो रहा है,जो पैसा नहीं देते हैं,उनके साथ बुरा सलुक किया जा रहा है। इसी कारणवश दो दिनों में 5 बच्चे की मृत्यु हो चुके हैं। रोगी के परिजन अगर अपने रोगी को देखने बेड तक जाते हैं तो उन्हें डाट फटकार कर भगा दिया जाता हैं,रोगी और उनके परिजनडर को डांट डपट के कारण कोई जनता सवाल पूछने की भी हिम्मत नहीं कर रहा है।इस संबंध में कई रोगी और उसके परिजन,जिन में,अमर राम,संयोजक,लोक संघर्ष समिति,बेतियाअपनी पोती को लेकर हास्पिटल में भर्ती कराने पहुंचे तो इस दृश्य को देखकर हैरत में पड़ गए, जहां उपरोक्त सभी घटनाएं हुई,यहां तक के इनको भी ₹50 घूस देकरअपनी पोती की देखभाल करने के लिए देना पड़ा। इन सब स्थिति को देखते हुए अमर राम ने संवाददाता को बताया कि जिला के इतने बड़ेअस्पताल की यह स्थिति है,जिसके देखने वाला कोई नहीं है,नहीं सांसद और ना ही विधायक,और ना ही जिला प्रशासन एवं अस्पताल प्रशासन,इसी कारण वस रोगी और उसके परिजन का यह बुरा हाल बेहाल है।जिन रोगी और उनके परिजनों की पास पैसा नहीं है,तो उसका कोई इलाज संभव नहीं हो पा रहा है,इस संबंध इन्होंने जिला पदाधिकारी को एक आवेदन देकर,बेतिया सरकारी मेडिकल कॉलेजअस्पताल की विधिवत जांच करने,साथ ही इस तरह की कारगुजारी को बंद करने की जनहित मेंअपील की है।