गैंग रेप का 31वर्ष बाद काआया न्यायालय का फैसला,10-10 वर्ष के सजा के साथ जुर्माना।
शहाबुद्दीन अहमद
बेतिया(पश्चिमी चंपारण)बिहार।
स्थानीय व्यवहार न्यायालय के प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह एससी/एसटी एक्ट के विशेष न्यायाधीश,प्रमोद कुमार यादव ने 5 आरोपियों को दोषी पाते हुए उन्हें गत 10 - 10 वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई है,साथ ही प्रत्यके पर ₹14 हजार अर्थदंड भी लगाया है। न्यायाधीश ने तीन आरोपियों पर राजचौधरी,रामाधार चौधरी और जग यादव को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त कर दिया है। सजायाफ्ता सुरेंद्र दुबे उर्फ बेंगा पंडित,शंभू चौधरी,गौरीशंकर चौधरी,अमर सिंह चौधरी चौतरवा थाना के पतिलार गांव के रहने वाले हैं। विशेष लोक अभियोजक,विजय बहादुर सिंह ने संवाददाता को बताया कि यह घटना 18 जनवरी वर्ष 1992 की है,चौतरवा थाना क्षेत्र की एक दलित महिला अपने घर में सोई हुई थी,इसी दौरान भूमि विवाद को लेकर रात्रि 2:00 बजे सभी आरोपी लाठी,डंडा और लोहे के रड से लैस होकर उसके घर में घुस गए,उसके साथ साथ उन लोगों ने मारपीट की,पीड़िता को जबरदस्ती घसीटते हुए एक बगीचे में ले गए और वहां सभी आरोपियों ने बारी-बारी से उसके साथ दुष्कर्म किया। इस संबंध में चौतरवा थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी,इसी मामले की सुनवाई पूरी करते हुए न्यायाधीश ने यह सजा सुनाई है।