चंपारण के लाल,प्रो सैयद नसीम अहमद की मृत्यु से हुई अपूर्णिया क्षति।
ब्यूरो चीफ़ शहाबुद्दीन अहमद
बेतिया, बिहार।
चंपारण के लाल प्रोफेसर सैयद नसीम अहमद की मृत्यु की खबर सुनते ही पूरे चंपारणवासियों में गम,शोक की लहर दौड़ गई, लोगों ने इस दर्दनाक खबर को सुनते ही दांतो तले उंगली दबाने लगे। स्वर्गीय प्रोफेसर सैयद नसीम अहमद की मृत्यु से चंपारण वासियों को अपूरणीय क्षति हुई है,इस क्षति को कभी भी पूरा नहीं किया जा सकता। मरहूम प्रोफेसर सैयद नसीम अहमद की ख्याति पूरे बिहार में एक नमूना के तौर पर अब लोग याद करेंगे। एक बहुत ही पुराने समाजवादी,प्रख्यात एवं प्रचंड शिक्षाविद,सामाजिक कार्यकर्ता, राजद पार्टी के राज्य स्तर पर वरीयतम नेता,एमएस कॉलेज मोतिहारी के भौतिकी विज्ञान के विभागाध्यक्ष के रूप में कार्य करते हुए सेवानिवृत्ति हुए थे। इन्होंने अनेकों सामाजिक संगठन,धार्मिक संगठनो,मदरसा, मकतबों,मस्जिदों के कमेटियों में उच्च पद पर भी कार्यरत रहे, इनके कार्य करने की शैली, तरीका,जिज्ञासा,कर्तव्यनिष्ठा, योग्यता,कर्मठता,विकास उन्मुख रहे। इन्होंने देश और विदेश में कई स्थानों का भ्रमण किया था। अपने सरल स्वभाव,अपनी शिक्षा,ज्ञान से लोगों को कई दिशा में सहायता के साथ-साथ आगे बढ़ाने में काफी मदद की है।
इनकी जनाजे की नमाज सदर कब्रिस्तान में जुमे की नमाज के बाद अदा की गई और अंतिम विदाई दी गई इसके पूर्व उनका पार्थिव शरीर ब्लू वाटर एस्कॉर्ट मोहल्ला में स्थित आवासीय परिसर में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था इन के जनाजे में 15 हजार इनके चाहने वाले शरीक हुए,जिसमें बिहार सरकार के विधि विभाग के मंत्री,डॉक्टर शमीमअहमद,नवनिर्वाचित
विधान पार्षद,डॉ वीरेंद्र कुमार यादव यादव,जिलाअध्यक्ष,सुरेश प्रसाद यादव,विधायक,मनोज कुमार यादव,पूर्व विधायक,राजेंद्र राम,फैसल रहमान,राजद नेता, विनोद कुमार श्रीवास्तव,अभय शर्मा,हरि सिंह,जिला राजद के मीडिया प्रभारी जावेदअहमद, तनवीर भारती,अरुण यादव,विरेंद्र कुमार जालान जावेदअहमद,लाल बाबू खान,मुनीलाल यादव, अजीत कुशवाहा,पवन यादव,
नसीमअख्तर,जेपी यादव,नागेंद्र राम,संतोष कुशवाहा,चांद विद्रोही शंभू गुप्ता,ओम साह,ब्रजकिशोर ठाकुर,खुर्शीदआलम,पप्पू खान सहित बड़ी संख्या में मंत्री, शिक्षाविद,विद्वान,राजनेता, समर्थक,सुभचिंतको ने उनकी अंतिम विदाई दी।
ज्ञातव्य हो कि स्वर्गीय प्रोफेसर सय्यद नसीम अहमद ने इस बेतिया लोकसभा क्षेत्र से,एक बार लोकसभा के प्रत्याशी के रूप में लड़े थे,मगर बहुत अटकलों के बीच उन्हें हार का सामना करना पड़ा,विदित हो कि स्वर्गीय प्रोफेसर सैयद नसीमअहमद, पत्रकार के समधी भी लगते थे, उनके लड़के,अजीमअहमद की शादी मेरी लड़की,नताशा साहब से हुई थी,मरहूम ने अपने पूछे 7 लड़कियां और 6 लड़कों को छोड़कर स्वर्ग सिधार गए हैं। इनके परिवार के सभी लड़के और लड़कियां उच्च कोटि के शिक्षा प्राप्त कर अपनी रोटी रोजी से जुड़े हुए हैं।स्वर्गीय के जनाजे में भारी संख्या में लोग उमड़ पड़े थे,जो यह दर्शाता है कि यह कितने लोकप्रिय,जन नेता थे कि हर समुदाय के लोगों में अपने कुशल व्यवहार के चलते बहुत ही चर्चित थे। इन के जनाजे में लगभग उत्तर बिहार के सभी जिलों के विभिन्न जाति/धर्म के मानने वाले,सभी वर्ग,जाति, अभिवंचित वर्ग के लोगों की भी उपस्थिति सराहनीय रही।