मुख्यमंत्री ने जिला को बनाया यात्राओं की कर्मभूमि,14वीं यात्रा जारी।
शहाबुद्दीन अहमद
बेतिया,पश्चिमी चंपारण, बिहार।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पश्चिम चंपारण जिला को अपने यात्राओं के कर्मभूमि बनाकर अपनी14वीं यात्रा की समाप्ति करते हुए चंपारण सत्याग्रह के इतिहास में दर्जन से अधिक यात्राओं के माध्यम से एक नयाअध्याय जोड़ने का प्रयास किया है,अब तक सीएम ने अपने जितने भी अभियान की शुरुआत किया,वह इसी पoचंपारण से ही किया, इसके पीछे सीएम नीतीश की मनसा चंपारण की पवित्र धरती की महत्ता से परिचित होने की है।लोगों का तर्क है कि नीतीश कुमार के सीएम बनने से पूर्व पश्चिम चंपारण में अपहरण, फिरौती उद्योग कायम था। इन्होंने अपने यात्रा में के क्रम में, महिलाओं से शराब पीकर पतियों की प्रताड़ना से प्रभावित होकर बिहार में शराबबंदी की पहल की थी,आज भी शराब बंदी को जमीनी स्तर पर ताक बनाने को लेकर वे हर संभव प्रयास करने में झुकते नहीं हैं। नीतीश कुमार की यात्रा के दौरान लोगों से जमीनी हकीकत जानने के क्रम में ही वह बार-बार और लगातार अपनी यात्राओं काआज भी जारी रखा है,वह कहते हैं कि यात्राओं के माध्यम से किए गए कार्यों की जानकारी लेने के लिए ही वह यात्रा करते हैं,साथ ही हर बार यात्राओं का नया नाम होता है। सबसे पहले नीतीश कुमार ने 12 जुलाई 2005 में नया यात्रा आरंभ की थी,उसके बाद विश्वास यात्रा, विकास यात्रा,सेवा यात्रा,अधिकार यात्रा,समीक्षा यात्रा,समाज सुधार यात्रा के बाद समाधान यात्रा कर रहे हैं। राज्य के मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार का एक बार फिर महात्मा गांधी की कर्मभूमि पश्चिम चंपारण से समाधान यात्रा आरंभ किया, यह नीतीश कुमार का चौदहवीं यात्रा है।