मुख्यमंत्री की इफ्तार पार्टी का मुस्लिम संगठनों ने किया बॉयकॉट,स्वागत योग्य कदम
शहाबुद्दीन अहमद
बेतिया, बिहार
बिहार के मुख्यमंत्री,नीतीश कुमार के द्वारा इफ्तार पार्टी काआयोजन किया गया है,इस आयोजन का 7 मुस्लिम संगठनों ने बहिष्कार किया है, जो एक स्वागतयोगय कदम है,ऐसा ही होना चाहिए।
जिन 7 मुस्लिम संगठनों ने नीतीश कुमार की इफ्तार पार्टी का बायकाट किया है उनमें,इमारतशरिया,जमात इस्लामी, जमातअहले हदीस,खान्काह मोजीबिया, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, जमियत उलेमा ए हिंदऔर खान्काह रहमानी ने यह फैसला पूरी दानिशमंदी से किया है।नीतीश कुमार मुंह मे राम बगल में छुरी वाले नेता हैं।
वक्फ संशोधन बिल का समर्थन तो ताजा मामला है। यह वही नीतीश हैं,जिन्होंने सीएए का भी समर्थन किया। तीन तलाक पर भी भाजपा के साथ थे।नीतीश कुमार तो मुसलमानों को जड़ से उखाड देने वाले तमाम काले कानून का इन्होंने समर्थन किया।अब मुसलमानों के उन नेताओं और बोर्डों में बैठे चेयरमैनों का भी बॉयकॉट होना चाहिए,जो नीतीश की वफादारी में मुस्लिम समाज का बेड़ा गर्क करने परआमादा हैं।नीतीश कुमार कभी भी सियासी भरोसेमंदी का लायक नहीं रहे मुझे कई तंजीमों के रहनुमाओं ने बताया है कि वक्फ बिल पर तीन डेलिगेशन उनसे मिला,लेकिन तीनों को उन्होंने कभी यह यकीन नहीं दिलाया कि वह वक्फ बिल की मुखालफत करेंगे,जब नीतीशअपनी सियासी हैसियत का इस्तेमाल मुसलमनों के हित में नहीं कर सकते तो उन्हें मुसलमानों को अपनी सियासी ताकत का एहास कराना ही चाहिए।
मुख्यमंत्री,नीतीश कुमार मुसलमान को गुमराह करने के लिए कई हथकंडे इस्तेमाल कर रहे हैं,मगरअब मुस्लिम कौम इनके जाल में फसने वाला नहीं है,आने वाले विधानसभा चुनाव में,इनकी हैसियत पता चल जाएग।मुस्लिम समाज की हर समस्या पर इन्होंने मुंह फेर लिया है,इन्हीं सब कारणों से मुस्लिम संगठन ने इनके इफ्तार पार्टी का बायकाट कर रही है,जो एक सराहनीय पहल है।नीतीश कुमार की सरकार में कुछ ऐसे मुस्लिम नेता भी हैं,जो इनका समर्थन कर रहे हैं,और कौम से गद्दारी कर रहे हैं,इसी तरह के सरफिरे मुस्लिम नेता ही,नीतीश कुमार को सर पर चढ़ाए हुए हैं,जिनके बल पर वह मुस्लिम विरोधी कदम उठा रहे हैं, आने वाला वक्त ही इनको सबक सिखाएगी।