अल्लाह रोजेदारों को रहमतों से नवाजता है : मौलाना शादाब
सैय्यद फरहान अहमद
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।
माह-ए-रमजान मे रोजा नमाज व कुरआन-ए-पाक की तिलावत में बीत रहा है । माह-ए-रमजान की रहमत सभी पर बराबर बरस रही है। रोजेदारों को मौसम से काफी राहत मिल रही है। रोजेदार अल्लाह को राजी करने में जी जान से जुटे हुए हैं। दिन में रोजा रात में तरावीह की नमाज पढ़ी जा रही है। बाजार गुलजार है। हज्जिन बीबी जामा मस्जिद धर्मशाला बाजार में सामूहिक रोजा इफ्तार हुआ। सबने मिलकर रोजा खोला और दुआ मांगी। वहीं दरगाह हजरत मुबारक खां शहीद मस्जिद नार्मल, शाही जामा मस्जिद तकिया कवलदह, हज्जिन बीबी जामा मस्जिद धर्मशाला बाजार, दरोगा साहब मस्जिद अफगान हाता में तरावीह की नमाज़ के दौरान एक कुरआन-ए-पाक पूरा हुआ। हाफिज-ए-कुरआन को तोहफों व दुआओं से नवाजा गया।
अल्लाह रोजेदारों को रहमतों से नवाजता है - मौलाना शादाब
मौलाना शादाब अहमद ने बताया कि दीन-ए-इस्लाम के पांच बुनियादी रुक्न (हिस्सा) में रोजा भी एक है और इस अमल के लिए माह-ए-रमजान मुकर्रर किया गया। अल्लाह तआला इबादत गुजार रोजेदार बंदे को बदले में रहमतों और बरकतों से नवाजता है। पैगंबरे इस्लाम हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का फरमान है कि जो मुकद्दस रमजान में किसी मजलिस-ए-जिक्र में शिरकत करता है, अल्लाह उसके हर-हर कदम के बदले में एक-एक साल की इबादत का सवाब लिखता है। कयामत के दिन वह अर्श के साए में होगा। जो कोई मुकद्दस रमजान में नमाजें बा जमात अदा करता है यानी हर फर्ज़ नमाज बा जमात ही पढ़ता है, अल्लाह उस खुशनसीब को हर-हर रकात के बदले में नूर का एक शहर अता फरमाएगा।