चुनाव में हिस्सेदारी नहीं मिली तो वोट बहिष्कार का ऐलान : पसमांदा समाज
रिपोर्ट मोहम्मद आसिफ अता
पटना / हाजीपुर (वैशाली) बिहार
बिहार की राजधानी पटना में पसमांदा समाज के विभिन्न संगठनों की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई।जिसमें देशभर के प्रमुख पसमांदा संगठनों के नेताओं ने भाग लिया।बैठक में यह निर्णय लिया गया कि यदि आगामी 2025 के चुनावों में पसमांदा समाज को उनकी जनसंख्या के अनुपात में उचित राजनीतिक प्रतिनिधित्व नहीं मिला, तो समाज चुनावों का बहिष्कार करेगा।इस बैठक में ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ के प्रदेश महासचिव मोहम्मद शब्बीर आलम, राष्ट्रीय मोमिन कॉन्फ्रेंस के राष्ट्रीय अध्यक्ष हुमायूं अंसारी, इदरीसिया दर्जी फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अली इमाम भारती,सामाजिक कार्यकर्ता पीके आज़ाद,जाफर इमाम साहब डॉक्टर साफी आलम,जनाब परी फाउंडेशन के अध्यक्ष जावेद साहब,AIPMM के संयोजक निशात अख्तर अंसारी और अली रज़ा अंसारी (मुजफ्फरपुर) सहित अन्य गणमान्य नेता उपस्थित थे।बैठक में मौजूद नेताओं ने एक सुर में पसमांदा समाज की राजनीतिक और सामाजिक उपेक्षा पर चिंता व्यक्त की।उन्होंने कहा कि देश में मुस्लिम समाज का एक बड़ा हिस्सा पसमांदा समुदाय से आता है,लेकिन उन्हें राजनीतिक और प्रशासनिक स्तर पर वह अधिकार नहीं दिए जाते, जिसके वे हकदार हैं। पसमांदा समाज लंबे समय से अपनी पहचान और हिस्सेदारी के लिए संघर्ष कर रहा है, लेकिन अब उसे केवल वोट बैंक समझने की राजनीति स्वीकार नहीं की जाएगी।बैठक में यह भी कहा गया कि यदि राजनीतिक दलों ने इस बार भी पसमांदा समाज की अनदेखी की,तो समाज संगठित होकर चुनावों का बहिष्कार करेगा।नेताओं ने स्पष्ट किया कि यह कोई भावनात्मक निर्णय नहीं है,बल्कि अपने संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए लिया गया एक ठोस कदम है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों को यह समझना होगा कि पसमांदा समाज अब सिर्फ समर्थन देने तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार है।यह महत्वपूर्ण बैठक MLC फ्लाइट 44 नंबर,पटना में संपन्न हुई, जहां मौजूद सभी नेताओं ने एक स्वर में कहा कि पसमांदा समाज अब अपनी उचित राजनीतिक हिस्सेदारी के लिए संघर्ष करेगा और अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो लोकतांत्रिक रूप से चुनाव बहिष्कार करने से भी पीछे नहीं हटेगा।