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Wed, 18 Jun 2025 04:30 AM

दलालों की मिलीभगत से वन विभाग अफीम की खेती का हवाला दे निर्दोष लोगों पर कर रही कारवाई

फर्जी लिस्ट बनाकर नाम हटाने के नाम पर की जाती है पैसे की उगाही 

रिपोर्ट:विनोद विरोधी 

गया, बिहार

जिले के बाराचट्टी प्रखंड अंतर्गत बुमेर पंचायत के ग्रामीणों ने गुरुवार को आपात बैठक किया है। दरअसल यह बैठक वन विभाग से जुड़े मामलों को लेकर किया गया है। इसमें सैकड़ों ग्रामीणों ने बुमेर के सरकारी विद्यालय के पास एकत्रित होकर अपने बात को रखा। वही इस संबंध में पंचायत के पूर्व सरपंच किशुन यादव ने कहा कि वन विभाग के कर्मी दलाल के साथ मिलकर निर्दोष लोगों को फंसाने और उनसे नाम हटाने के लिए पैसे उगाही करने के उद्देश्य से एक लिस्ट बनाते हैं ,जिसमें दर्जनों लोगों का नाम लिखकर उनको अफीम की खेती में फ़ंसाने के नाम से डराते हैं और इस प्रकार उनसे पैसे की उगाही की जाती है। ग्रामीणों ने बताया कि इस बावत बुधवार को वन विभाग कार्यालय बाराचट्टी गए थे लेकिन रेंजर ने हमलोग की बात सुनने से इनकार कर गए। वही बीपीएससी की तैयारी कर रहे प्रेम कुमार बताया कि हम बुमेर में सीएसपी संचालन का कार्य करते है। हमको अफीम की खेती से दूर दूर तक कोई नाता नहीं हैं, लेकिन बताया गया कि हमारा भी नाम लिस्ट में हैं। प्राथमिकी दर्ज कर हमारा भविष्य बर्बाद करने के फिराक में हैं। विभाग और विभाग के अधिकारी इसको अच्छे से जांच पड़ताल करवा ले तब कारवाई करे, अन्यथा जरूरत पड़ा तो सभी वरीय पदाधिकारी को उससे अवगत कराया जायेगा। साथ ही न्यायालय का भी शरण भी लेना पड़े तो हमलोग लेंगे।वही एक और ग्रामीण जिन्होंने अपना नाम हीरा ठाकुर बताया जो कि काहुदाग में सैलून चलाने का कार्य करते है। उन्होंने बताया कि हमारा भी लिस्ट में नाम बताया गया हम बहुत घबराए हुए है अगर हम पर केस हो जायेगा तो हमारा परिवार का भरण पोषण कैसे होगा? हमलोग गरीब आदमी है ।ग्रामीण कमलेश कुमार बताते हैं हम परदेश में काम करते हैं पहले भी हमारे ऊपर एनडीपीएस एक्ट का झूठा प्राथमिकी दर्ज हुआ हुआ हैं। इस बार भी हमारा नाम लिस्ट में होने की सूचना मिली हैं, इसमें जो पैसा देता है उसका नाम लिस्ट से काट दिया जाता है और जो नहीं देता है उनपर कारवाई की जाती हैं। बताते है कि यह सब दलाल के सहारे वन विभाग के अधिकारी और कर्मी के मिलीभगत से होता हैं। इसकी जांच होनी चाहिए और दलाल कौन हो जो विभाग के नाम पर पैसा उगाही करता है उनपर विभाग को कारवाई करना चाहिए। अन्यथा यह समझा जाएगा कि सबका मिलीभगत हैं। हालांकि सत्यता क्या है यह जांच के बाद ही खुलासा होगा ।इस बाबत वन विभाग के रेंज ऑफिसर चौहान शशि भूषण कुमार सिन्हा से सारे आरोप से अपने आपको इनकार करते हुए बोला कि ऐसा नहीं है,अगर कहीं कोई लिस्ट लेकर खेती में नाम आने के बाद हटवाने के नाम पर पैसा मांगता हैं, तो विभाग को सूचना दें उनपर कारवाई की जाएगी। वहीं वनपाल सूरज प्रकाश ने इस बात का पुष्टि किया कि लिस्ट का बात हमारे पास भी आया है जिसमेंकोई दलाल जयगीर में फर्जी लिस्ट लेकर घूम रहा हैं। जिसमे दर्जनों लोगों का नाम इस बाबत में जुटा हुआ है ।जहां विनिष्टीकरण होता है उसके तत्पश्चात प्राथमिकी दर्ज करवाई जाती है।पहले अगर किसी ग्रामीण से कोई पैसा मांगता है तो नहीं दें।

Karunakar Ram Tripathi
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