नगर के सड़कों पर खटारा वाहन के दौड़ने से घटना एवं प्रदूषण का खतरा बढ़ा।
शहाबुद्दीन अहमद
बेतिया, बिहार
इन दिनों शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में खटारा गाड़ियों, झकझक गाड़ी,जुगाड़ गाड़ी, पंपिंग सेट से बनी गाडी, मोटरसाइकिल से बने हुए ठेला गाड़ी अन्य प्रकार के मानव निर्मित गाड़ियों से घटना होने की प्रबल संभावना बन रही है,साथ ही प्रदूषण का खतरा भी बढ़ रहा है।इन गाड़ियों में न लाइट,इंडीकेटर घंटी रहती है,जिससे घटना, दुर्घटना प्रतिदिन हो रही है। सड़कों पर इनकेआवागमन से अधिक मात्रा में धुआं उगलता है,जिससे पैदल चलने वाले लोगों के लिए कई रोगों के लिए घातक है। इस तरह के गाड़ियों का परिचालन नाबालिक लड़कों के द्वारा भी किया जा रहा है,जिससे घटना होने की संभावना बढ़ी है।
ऐसे वाहन चालकों के पास कोई ड्राइविंग लाइसेंस नहीं रहता है,और ना ही कोई इसके चलने का जिला प्रशासन,नगर निगम प्रशासन के द्वारा कोई प्रतिबंध लग रहा है,जिससे ऐसे वाहन चालकों का मनोबल बढ़ता जा रहा है, और गाड़ियों की संख्या भी दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है, अगर इस पर नियंत्रण नहीं किया गया तो आने वाले समय में पूरे नगरीय क्षेत्र में प्रदूषण का खतरा अधिक हो जाएगा।