दिनकर जी की प्रसिद्ध रचना रश्मिरथी हुआ का मंचन, डीएम, एसपी ने किया उद्धाटन
हाजीपुर(वैशाली)बिहार
जिला पदाधिकारी श्री यशपल मीणा एवं पुलिस अधीक्षक श्री हर किशोर राय के द्वारा बिका हाजीपुर के ऑडिटोरियम मे राष्ट्रकवि दिनकर जयंती का उद्धाटन किया गया।इस अवसर पर बिहार के लगभग 20 जिलों में उनकी अलग-अलग रचनाओं का मंचन हुआ।कला,संस्कृति एवं युवा विभाग,बिहार द्वारा वैशाली जिले के बीका सभागार हाजीपुर में रश्मिरथी का मंचन गोरखपुर की संस्था 'दर्पण' द्वारा किया गया।कला,संस्कृति एवं युवा विभाग पटना, बिहार एवं जिला प्रशासन वैशाली के संयुक्त तत्वावधान में रश्मिरथी का मंचन किया गया।राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की कालजयी कृति है।जिसमें महाभारत के महान योद्धा कर्ण के जीवन की कहानी अत्यंत प्रभावी ढंग से प्रस्तुत की गई।यह नाटक उस समाज को चित्रित करता है जिसमें जातिगत भेदभाव और सामाजिक असमानता के बावजूद कर्ण ने अपनी असाधारण शक्ति और साहस से मानवीय गरिमा का परिचय दिया।दर्पण संस्था के 25 कलाकारों द्वारा यह मंचन किया गया।मंचित नाटक में कथा गायक-पिंटू प्रीतम,नटी एक- आकांक्षा,नटी दो-अनुप्रिया चौहान, कर्ण-नवनीत जायसवाल,अर्जुन-अभिषेक सिंह,युधिष्ठिर -मनोज माही,भीम -अजय ठाकुर,नकुल- राज गुप्ता,सहदेव- सागर चौधरी,दुर्योधन- अविनाश राव,दुशासन- मृत्युंजय कश्यप,द्रौपदी-बबीता शर्मा,धृतराष्ट्र-महेश तिवारी,कृपाचार्य -राकेश कुमार,विदुर -विजय कुमार सिंह, द्रोणाचार्य और इंद्र दो -शरद श्रीवास्तव, परशुराम इंद्र-एक रवीन्द्र रंगधर,कुंती-रीना जायसवाल,कृष्ण-राज मौर्य,शल्य-राधेश्याम, प्रहरी एक-प्रदीप सिंह, प्रहरी दो-विशाल शर्मा ने अपनी भूमिका निभाई।रश्मिरथी जिसका अर्थ सूर्य किरण रूपी रथ का सवार है।यह हिंदी के महान कवि रामधारी सिंह दिनकर जिन्हे राष्ट्र कवि के सम्मान से विभूषित किया गया है द्वारा रचित प्रसिद्ध खंड काव्य है।यह 1952 में प्रकाशित हुआ था।इसमें रश्मिरथी ने भारतीय साहित्य में कर्ण को एक नायक के रूप में प्रतिष्ठित किया है,जो हमेशा न्याय और समानता के पथ पर खड़ा रहा है।