हाजियों के पहले काफले की रवानगी के मौके पर मौलाना मो.हाशिम अशरफी का शानदार ख़िताब।
हज मोह्ताज्गी और गुनाहों को दूर करता है हज से नफ्स पाकीज़ा और रिजक कुशादा होता है - मौलाना मो.हाशिम अशरफी
हफ़ीज अहमद खान
कानपुर नगर उत्तर प्रदेश।
हज एक अहम इबादत है पूरी ज़िन्दगी में हज एक बार फ़र्ज़ है और एक से जियादा मुस्तहिब है हज मोह्ताज्गी और गुनाहों को दूर करता है हज से नफ्स पाकीज़ा और रिजक कुशादा होता है हदीस पाक का मफहूम है जिस शख्स ने अल्लाह की खुशनूदी के लिए हज किया उस दौरान कोई गुनाह नहीं किया तो वह गुनाहों से इस तरह पाक हो कर लौटता है जैसे माँ के पेट से पैदा होते वक़्त बच्चा गुनाहों से पाक होता है इन विचारों को मौलाना मो. हाशिम अशरफ़ी संस्थापक मदरसा अशरफुल मदारिस गद्दियाना ने मदरसा में आयोजित जश्ने ज़ियारते हरमैंन में व्यक्त किये | चोरी गुंडा गर्दी जैसे पाप करते हैं अगर लोग सिर्फ भले काम करने वालों को ही इज्ज़त दें तो समाज से बहुत सी बुराइयाँ समाप्त हो जाएँगी |मौलाना अशरफ़ी ने मुल्क भर के तमाम हाजियों से अपील की है कि हिन्दुस्तान की तरक़्क़ी व खुशहाली के लिए मक्का और मदीना में खुसूसी दुआ करें | इस से पूर्व कुरान पाक की तिलावत से महफ़िल का आगाज़ कारी मो.अहमद अशरफी ने किया | संचालन हाफिज अरशद अशरफ़ी ने किया | सय्यद खुर्शीद आलम, अकबर अली, शहर यार ने नातें पढ़ीं | सलातो सलाम के बाद भारत समेत पूरी दुनिया में अमन व शान्ति के लिए दुआएं की गयीं |