जब इरादा बना लिया ऊँची उड़ान का तो देखना फ़िज़ूल है क़द आसमान का।
श्रीमाधोपुर से निर्दलीय प्रत्याशी बलराम यादव का जगह-जगह भव्य स्वागत।
वसीम अकरम
जयपुर, राजस्थान।
अजीतगढ़ प्रदेश की हॉट सीटों में से एक श्रीमाधोपुर विधानसभा क्षेत्र में कांटे का मुकाबला चल रहा है। जिसके चलते निर्दलीय प्रत्याशी बलराम यादव दौड़ में अग्रणी पंक्ति में नजर आ रहे हैं। क्षेत्र में इनका विभिन्न समाजों द्वारा जगह-जगह भव्य स्वागत किया जा रहा है। कोई इन्हे फलों से तोल रहा है तो कोई मिठाइयों से तो कई जगह इन्हें भारी फूल मालाओं तथा लंबी पगड़ियों के जरिए स्वागत कर सम्मान किया जा रहा है। वहीं बलराम यादव भी सेवा कार्यशैली के साथ काम करते नजर आ रहे हैं। वे मतदाताओं को अपनी झोली में बटोरते दिख रहे हैं।
बलराम यादव खेती-बाड़ी से लेकर सेवा के सभी कार्यों को व्यावहारिक तौर पर अपनाते हुए दिख रहे हैं। खेतों में जाकर जुटाई करना, ट्रैक्टर चला कर निराई-गुड़ाई करना तथा सड़क हादसों में घायलों को मौके पर पहुंचकर टीम के साथ अस्पताल पहुंचाने के कार्य में भी सक्रियता के साथ जुटे नजर आ रहे हैं। साथ ही वह प्रातः जल्दी उठकर अपनी टीम के साथ क्षेत्र में सघन जनसंपर्क में जुट रहे हैं। इससे पूर्व पूजा-अर्चना में भी वे धार्मिक रीति-रिवाज के साथ ही सामाजिक सरोकारों में भी जूटे दिख रहे हैं। बलराम यादव को विभिन्न समाजों द्वारा समर्थन दिए जाने की बात भी सामने आ रही है। सर्व समाज द्वारा इन्हें समर्थन मिल रहा है। यादव बाहुल्य इस क्षेत्र में 36 कौमों का सानिध्य बलराम यादव को प्राप्त होता दिख रहा है। वहीं कांग्रेस व भाजपा से असंतुष्ट पदाधिकारी व कार्यकर्ता भी उनकी टीम में जुट कर इनके लिए लोगों से मत एवं समर्थन जुटाने में लगे हैं। वहीं बलराम यादव अपनी टीम के साथ जगह-जगह पहुंचकर आत्मीयता के साथ आमजन मिल रहे हैं। जिसके चलते अहीर, अल्पसंख्यक, जाट, गुर्जर, एससी, एसटी, ओबीसी सहित विभिन्न समाज एवं वर्गों के लोगों ने बदलाव के साथ क्षेत्र में परिवर्तन की बयार चलाने की बात कही है। वहीं क्षेत्रवासियों का कहना है कि वह दोनों ही प्रमुख सियासी पार्टियों से दुखी व परेशान है। अब क्षेत्र में परिवर्तन की आवश्यकता है और युवा एवं सशक्त उम्मीदवार ही परिवर्तन ला सकता है।
वही बलराम यादव कई जगह अपनी बात को शायराना अंदाज में भी पेश करते दिखे। एक जनसभा के दौरान वह बोले-जब इरादा बना लिया ऊँची उड़ान का, तो देखना फ़िज़ूल है क़द आसमान का...।
क्षेत्र वासियों का कहना है कि वह बलराम यादव के अंदाजे बयां और हौसलों से प्रभावित होकर इनके साथ जुट रहे हैं।